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EMI पर ब्याज में छूट के मामले में RBI ने सुप्रीम कोर्ट में दिया जवाब, कहा-नहीं मिलेगी छूट

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मोरेटोरियम अवधि के दौरान ईएमआई पर ब्याज में राहत ना देने पर दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। जवाबी हलफनामे में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि लोन चुकाने पर रोक के दौरान ब्याज पर छूट से बैंकों की वित्तीय स्थिरता और स्वास्थ्य को खतरा होगा। बता दें कि, कोरोना वायरस के दौरान लागू लॉकडाउन में ईएमआई पर मोहलत दी गई थी।

बैंकों को 2 लाख करोड़ रुपये का घाटा होगा: RBI

बैंकों को 2 लाख करोड़ रुपये का घाटा होगा: RBI

केंद्रीय बैंक ने अपने जवाब में कहा कि मोरेटोरियम का लाभ किसी भी भुगतान की बाध्यता को माफ करने के लिए नहीं है, बल्कि उन ग्राहकों को राहत देता है जिनके उपर लॉकडाउन अवधि के दौरान मौजूदा लोन हैं। अगर ब्याज माफी की जाती है तो इससे बैंकों को 2 लाख करोड़ रुपये का घाटा होगा। आरबीआई ने कर्ज के पेमेंट को लेकर राहत देने की कोशिशें की हैं, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि ब्याज में जबरन राहत दी जाए।

बैंकों की आर्थिक स्थिरता और सेहत पर पड़ेगा असर

बैंकों की आर्थिक स्थिरता और सेहत पर पड़ेगा असर

आरबीआई ने अपने जवाब में साफ तौर पर कहा कि, ऐसा करना बैंकों की आर्थिक स्थिरता और सेहत को दांव पर लगाने जैसा होगा। यही नहीं बैंकों के प्रभावित होने से जमाकर्ताओं के हितों पर भी विपरीत असर पड़ेगा। बैंक ने कहा कि, यह लाभ केवल भुगतान के दबाव में एक संक्षिप्त अंतराल के लिए राहत प्रदान करने के इरादे से किया गया है। बता दें कि, रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियों के बंद रहने के दौरान पहले तीन माह और उसके बाद फिर तीन माह और कर्जदारों को उनकी बैंक किस्त के भुगतान से राहत दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने वित्त मंत्रालय से 12 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने वित्त मंत्रालय से 12 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने वित्त मंत्रालय से जवाब मांगा है। इस पर सरकार ने कहा है कि इस मु्ददे पर वित्त मंत्रालय में चर्चा जारी है। हम जल्द सुप्रीम कोर्ट को इस मामले की विस्तृत जानकारी देंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने वित्त मंत्रालय से 12 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा है। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें मांग की गई है कि लॉकडाउन के दौरान लोन की किश्त के ब्याज में छूट मिलनी चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से जवाब मांगा था।

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English summary
RBI has replied to SC after a plea was filed against charging of interest on loans during moratorium period
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