केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- जहां से हटा था वहीं देंगे रविदास मंदिर के लिए जमीन
नई दिल्ली। दिल्ली के तुगलकाबाद में रविदास मंदिर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डीडीए द्वारा गिरा दिया गया था, जिसका जमकर विरोध हुआ। तमाम दलित संगठन मंदिर गिराए जाने के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 5 अक्टूबर को केंद्र सरकार से इसी मामले में हल निकालने को कहा था, जिसपर केंद्र ने कोर्ट को बताया है कि संवेदनशीलता और श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए सरकार उसी जगह पर 200 वर्ग मीटर जमीन मंदिर निर्माण के लिए देने को तैयार है।
केंद्र सरकार ने मंदिर कमेटी को जगह देने का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया भक्तों की एक कमेटी को मंदिर निर्माण के लिए सरकार 200 वर्ग मीटर जमीन देगी। कोर्ट अब इस मामले में सोमवार को फैसला सुनाएगा।
Delhi Sant Ravidas temple demolition case: Attorney General K K Venugopal told the Supreme Court today that 200 square metre area of the site can be handed over to a committee of devotees for reconstruction of the temple. pic.twitter.com/munsUA3wq8
— ANI (@ANI) October 18, 2019
इस मामले में डीडीए का दावा था कि मंदिर अवैध तरीके से कब्जा की गई जमीन पर बना था। लंबे समय से ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारी सुरक्षा के बीच डीडीए ने मंदिर गिरा दिया था। मंदिर गिराए जाने के बाद दलित समाज के लोगों में काफी रोष देखने को मिला और देश में इसके खिलाफ प्रदर्शन होने लगा।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डीडीए ने गिराया था मंदिर
बता दें कि 10 अगस्त को डीडीए ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तुगलकाबाद में दशकों पुराने रविदास मंदिर को गिरा दिया था। इस मामले को लेकर दिल्ली में देशभर से बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा हुए थे, जिसमें अधिकतर दलित समुदाय के लोग थे। उन्होंने मंदिर गिराए जाने का विरोध किया था और इस प्रदर्शन के दौरान कई जगहों पर हिंसा भी हुई थी। जिसके बाद पुलिस ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया था, 96 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था।