शास्त्री-कोहली की नजदीकी ने धोनी को किया टेस्ट से दूर
नयी दिल्ली। टीम इंडिया के कैप्टन कूल कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने सफेद जर्सी को अलविदा कह दिया है। अचानक से धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का फैसला लिया तो सब सन्न रह गए। क्रिकेट के जानकार से लोकर उनक फैंन्स तक धोनी के इस फैसले से सन्न है। सब के दिमाग में एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर धोनी ने अचानक से टेस्ट क्रिकेट को अलविदा क्यों कह दिया?
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, धोनी ने ये फैसला अचानक नहीं लिया। उन्होंने कई बार संकेत दिए थे कि यह उनकी आखिरी सीरीज होगी। इस अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय टीम के भातर बदल ते समीकरणों के कारण धोनी ने ये फैसला लिया है। दरअसल धोनी के संन्यास के पीछ की वजह टीम के भीतर समीकरणों में आए बदलाव रहे।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से खबर लिखी है कि टीम मैनेजमेंट में रवि शास्त्री की एंट्री और विराट कोहली से उनकी बढ़ती नजदीकी धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का सबसे अहम कारण है। दरअसल शास्त्री और कोहली की नजदीकी के कारण टीम में कोच डंकन फ्लेचर का प्रभाव टीम के ऊपर से घटता गया। टीम पर शास्त्री का प्रभाव बढ़ता गया। अहम फैसलों में वो मुख्य भूमिका निभाने लगे। शास्त्री के बढ़ते प्रभाव से टीम का माहौल बदला है। ये नया माहौल धोनी के विपरीत था। धोनी अपने तरीके से टीम को चलाते रहे है, लेकिन शास्त्री के आने के बाद आए बदलाव ने धोनी को बांधना शुरु कर दिया।
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आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान ऐडिलेड टेस्ट में जब कोहली के शानदार प्रदर्शन से टीम जीत के करीब पहुंची तो कोहली-शास्त्री पार्टनरशिप की बात उठने लगी। ऐसे में धोनी इस पार्टनशिप का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे और उन्होंने इससे अगल रहना ही बेहतर समझा। अपनी इसी समझ का उहादरण देते हुए धोनी ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। कहा ये भी जा रहा है कि वर्ल्ड कप के बाद धोनी वन डे को भी अलविदा कह सकते हैं।