'भारत में बिजनेस करना है तो नियमों को मानना होगा', ट्विटर पर जमकर बरसे रविशंकर प्रसाद
नई दिल्ली, 17 जून। नए नियमों को लेकर भारत सरकार और ट्विवटर के बीच चल रही तकरार कम होती नजर नहीं आ रही है। गुरुवार को केंद्रीय कानून एवं इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा अगर भारत में व्यापार करना है तो भारत के कानूनों का पालन करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब दूसरी कंपनियां नियमों का पालन कर रही हैं तो ट्विटर क्यों नहीं कर रही?
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ट्विटर ने नियमों का पालन नहीं किया- प्रसाद
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा हमने उन्हें (ट्विटर) को 3 महीने का समय दिया था। दूसरों ने इसका पालन किया, उन्होंने नहीं किया। आईटी गाइडलाइन का नियम 7 कहता है कि अगर आप सेक्शन 79 का अनुपालन नहीं करते हैं तो आप इंटरमीडियरी (मध्यस्थ) का दर्जा खो सकते हैं और देश के दंड कानूनों समेत दूसरे कानूनों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
ट्विटर का इंटरमीडियरी दर्जा खत्म किए जाने को लेकर रविशंकर प्रसाद ने कहा ये मैने नहीं बल्कि कानून के तहत हुआ है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि अगर दूसरे इसका पालन कर रहे हैं तो वे (ट्विटर) क्यों नहीं कर रहे? हमने तीन अधिकारी नियुक्त करने को कहा था। तीन महीने का समय दिया गया था जो 26 मई को खत्म हो गया। सदेच्छा दिखाते हुए उन्हें आखिरी मौका दिया गया।
भारत के नियमों का पालन करना होगा- प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब भारतीय कंपनियां अमेरिका में बिजनेस करती हैं या फॉर्मा कंपनियां वहां उत्पादन करने जाती हैं तो अमेरिकी कानूनों को मानती हैं या नहीं मानती? अगर आपको यहां व्यापार करना है तो प्रधानमंत्री की आलोचना का स्वागत है लेकिन आपको भारत के संविधान और नियमों को मानना होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कुछ लोग ट्विटर के जरिए अपनी राजनीति करते हैं, मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है। वे अब ट्विटर की राजनीति कर रहे हैं, फिर से मुझे कोई समस्या नहीं है। यह ट्विटर और सरकार या बीजेपी के बीच का मसला नहीं है। यह ट्विटर और इसके यूजर के बीच का मामला है जिसके दुरुपयोग के मामलों को एड्रेस किया जाना चाहिए।
कैपिटल हिंसा से कार्रवाई की तुलना
रविशंकर प्रसाद ने कैपिटल हिल हिंसा और लाल किले पर हिंसा की तुलना करते हुए कहा कि जब वाशिंगटन में कैपिटल हिल पर हिंसा हुई थी तो आपने सभी ट्विटर एकाउंट यहां तक तत्कालीन राष्ट्रपति का एकाउंट भी ब्लॉक कर दिया था। किसान के प्रदर्शन के दौरान जब लाल किले पर आतंकियों के समर्थक नंगी तलवारें लेकर चढ़ गए और पुलिस वालों को घायल करते हुए उन्हें खाई में धकेल दिया था तो ये फ्रीडम ऑफ स्पीच नहीं थी।
अगर कैपिटल हिल अमेरिका का अभिमान है तो लाल किला भारत का है जहां प्रधानमंत्री तिरंगा लहराते हैं। आप लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाते हैं। इसे हटाने के लिए आपके पीछे 15 दिन तक लगना पड़ता है। यह सही नहीं है। एक लोकतंत्र के रूप में भारत अपनी डिजिटल संप्रभुता की रक्षा करने का समान अधिकारी है।
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