आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मिलने क्यों पहुंचे टाटा संस के चेयरमेन रतन टाटा?
रतन टाटा और मोहन भागवत के बीच मुलाकात लगभग 35 मिनट तक चली। क्या दोनों के बीच टाटा ग्रुप में चल रहे विवादों पर भी बात हुई?
नागपुर। बुधवार को टाटा संस के चेयरमेन रतन टाटा, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मिलने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हेडक्वार्टर पहुंच गए। फिलहाल साइरस मिस्त्री के साथ टाटा ग्रुप का विवाद चल रहा है और ऐसे समय में रतन टाटा अचानक मोहन भागवत से मिलने क्यों पहुंच गए, इस बारे में कई कयास लगाए जा रहे हैं। इस बारे में आरएसएस के सूत्रों का कहना है कि यह महज शिष्टाचार मुलाकात थी और देश के एक सम्मानित उद्योगपति व भाजपा के वैचारिक संगठन के मुखिया ने एक-दूसरे के साथ लगभग 35 मिनट तक बातें की। Read Also: आरएसएस केंद्र सरकार का रिमोट कंट्रोल नहीं है- मोहन भागवत
बुधवार को रतन टाटा ने अपना 79वां जन्मदिन मनाया। उनके साथ नागपुर के आरएसएस के हेडक्वार्टर में गए सूत्र का कहना है कि इस इलाके में टाटा ट्रस्ट जो योजनाएं चला रही है, उसकी जानकारी देने और उस पर विचार-विमर्श करने के लिए रतन टाटा, मोहन भागवत से मिलने गए थे। सूत्र ने कहा. 'बातचीत के दौरान रतना टाटा ने टाटा ट्रस्ट की इनिशिएटिव्स की जानकारी मोहन भागवत को दी और फिर मोहन भागवत ने उनको आरएसएस के सोशल प्रोजेक्ट्स की जानकारी दी।'
रतन टाटा के साथ नागपुर हेडक्वार्टर तक भाजपा की प्रवक्ता शाइना एनसी भी गई थीं। उन्होंने भी बुधवार को ट्वीट कर इस मुलाकात की जानकारी दी और इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की। क्या रतन टाटा और मोहन भागवत के बीच टाटा ग्रुप में चल रहे विवादों पर भी कोई बात हुई? इस पर सूत्र का कहना है कि इस विषय पर कोई बात नहीं हुई। सूत्र ने कहा कि लगभग 35 मिनट चले इस मुलाकात का ज्यादा मतलब नहीं निकालने चाहिए। 24 अक्टूबर को साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमेन पद से हटा दिया गया था जिसके बाद वे टाटा ग्रुप और रतन टाटा के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। Read Also: साइरस मिस्त्री विवाद पर रतन टाटा ने तोड़ी चुप्पी, दुख जताते हुए उन्होंने क्या-क्या कहा?