रतन टाटा ने कहा, टाटा ट्रस्ट्स के मुखिया का पद छोड़ने का अभी कोई इरादा नहीं
ट्रस्ट ने बाहरी कंसल्टेंट्स से नए चेयरमैन के चुनाव को लेकर सलाह मांगी है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि साल 2017 के मध्य तक नए चेयरमैन की तलाश पूरी हो जाएगी।
नई दिल्ली। रतन टाटा ने साफ किया है कि फिलहाल उनका टाटा ट्रस्ट चेयरमैन का पद छोड़ने का कोई इरादा नहीं है।इससे पहले एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया था कि टाटा समूह के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटाने वाले रतन टाटा भी टाटा ट्रस्ट्स के मुखिया का पद छोड़ सकते हैं। आपको बता दें कि इस ट्रस्ट की 108 अरब डॉलर यानी करीब 7 हजार 327 अरब रुएये की पूंजी वाले टाटा समूह में 66 पर्सेंट की हिस्सेदारी है।
नोटबंदी से गरीबों को हो रही परेशानी, रतन टाटा ने जताई चिंता
ट्रस्ट ने बाहरी कंसल्टेंट्स से नए चेयरमैन के चुनाव को लेकर सलाह मांगी है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि साल 2017 के मध्य तक नए चेयरमैन की तलाश पूरी हो जाएगी। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक ट्रस्ट्स का नया चेयरमैन भारतीय ही होगा, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वह पारसी ही हो या फिर टाटा फैमिली का सदस्य हो।
On news reports, Ratan Tata clarified that there are no plans for stepping down from chairmanship of Tata Trusts as of now :TATA Statement
— ANI (@ANI_news) December 16, 2016
टाटा ट्रस्ट्स का समूह की लिस्टेड कंपनियों में 41 अरब डॉलर का निवेश है। 79 वर्षीय रतन टाटा भले ही ट्रस्ट्स की कमान नए चेयरमैन को सौंप देंगे, लेकिन वह सदस्य जरूर बने रहेंगे। इस इस्तीफे के साथ ही रतन टाटा दशकों पुरानी अपनी इस जिम्मेदारी से निवृत्त हो जाएंगे।
कुछ दिन पहले ही हटाए गए थे साइरस मिस्त्री
बीते मंगलवार को ही साइरस मिस्त्री को टाटा समूह की प्रमुख कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) के निदेशक पद से हटा दिया गया था। कंपनी की असाधारण आमसभा (ईजीएम) में मौजूद 93.11 प्रतिशत शेयरधारकों ने मिस्त्री को हटाए जाने के पक्ष में मतदान किया था। कंपनी के अनुसार 93.11 प्रतिशत शेयरधारकों ने प्रस्ताव के पक्ष में, वहीं 6.89 प्रतिशत ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।