महाराष्ट्र में अब मृत मरीजों का किया जाएगा रैपिड एंटीजन टेस्ट, जानिए क्या है इसके मायने?
नई दिल्ली। सर्वाधिक कोरोना प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने अब मृत कोरोना मरीजों का रैपिड एंटीजन टेस्ट करने का निर्णय लिया है। अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले प्रत्येक शवों का रैपिड एंटीजन टेस्ट के जरिए सरकार यह पता लगाना चाहती है कि मृतक कोरोना पॉजिटिव था अथवा नहीं। एंटीजन टेस्ट के परिणाम एक घंटे के भीतर आ जाते हैं।
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महाराष्ट्र में अब तक 10 लाख से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज आ चुके हैं
गौरतलब है महाराष्ट्र में अब तक 10 लाख से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं, जहां अब तक कुल 29 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मुंबई, पुणे और ठाणे में सबसे अधिक 8,109, 4,754 और 4,134 मौतें हुई हैं, जबकि 1,000 से अधिक मौतों की रिपोर्ट करने वाले जिलों में जलगांव, नासिक और नागपुर शामिल हैं।
राज्य सरकार ने रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए बाकायदा सर्कुलर जारी किया
संभवतः लगातार कोरोना केस में वृद्धि के मद्दनेजर राज्य सरकार ने गैर कोरोना मरीजों का भी कोरोना टेस्ट कराने का निर्णय किया है ताकि संक्रमण पर लगाम लगाई जा सके। राज्य सरकार में इसके लिए बाकायदा सर्कुलर जारी किया है। जारी हुए सर्कुलर में टीबी की जांच वाले टेस्ट को भी अनुमित दी गई है। सर्कुलर के मुताबिक अस्पताल में मृत सभी शवों का कोरोना टेस्ट करने के बाद उनके पॉजिटिव होने अथवा निगेटिव होने की दशा पर मृतक परिजनों को उनका सौंपा जाएगा।
महाराष्ट्र में संक्रमण की स्थिति बेहद भयावह है, शवों गृह पर काफी लोड है
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति बेहद भयावह है, जिससे राज्य के शव गृह में शवों को लोड काफी है। मुंबई स्थित ससून सरकारी अस्पताल में एक दिन में औसतन 40-50 लोगों की मौत की सूचना है। यहां कम से कम 15 ऐसे लोगों को लाया जाता है, जो मर चुके होते हैं। वहीं, नागपुर के सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भी प्रतिदिन औसतन 30-40 मौतें हो रही है और यहां भी कम से कम 5-10 मरे हुए मरीजों को लाया जा रहा है।