Himesh Reshamiya: रातों रात स्ट्रीट सिंगर से प्लेबैक सिंगर बन गईं रानू मंडल
बंगलुरू। कहते हैं कि हर हीरे को एक जौहरी की तलाश होती है और स्ट्रीट सिंगर से बॉलीवुड फिल्म में प्लेबैक सिंगिंग का रानू मंडल का सफ़र भी आसान तभी हुआ जब मशहूर संगीतकार हिमेश रेशमिया की उन पर नज़र पड़ी। उसके बाद की कहानी तो सब जान चुके हैं, क्योंकि बॉलीवुड में प्लेबैक सिंगिग के एक मौका पाने के लिए रोजाना लोग मुंबई की ओर रुख करते हैं, लेकिन लाखों में किसी एक अदद को ही अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिल पाता है और बाकी लोगों की जिंदगी तो जद्दोजहद में ही कट जाती है, लेकिन ये बातें एक जमाने तक ही सीमित थी, क्योंकि सोशल मीडिया के जमाने में यह बेहद आसान फंसाना बन गया है।
रानू मंडल ऐसा ही एक नाम है, जिनका प्रेरणादायी सफ़र उन लोगों के लिए स्वप्न के सच होने जैसा है, जो एक अदद मौका नहीं मिलने पर निराश होकर घर बैठ जाते थे। कोलकाता के राणाघाट स्टेशन से मशहूर संगीतकार हिमेश रेशमिया के स्टूडियो तक जा पहुंची रानू मंडल आज किसी पहचान की मोहताज नहीं रह गईं है।
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बॉलीवुड के दिग्गज संगीतकार हिमेश रेशमिया की 'हैप्पी हार्डी एंड हीर नामक फिल्म में प्लैबैक सिंगिग कोई और नहीं, बल्कि रानू मंडल कर रही हैं और गाने के बोल हैं, 'तेरी मेरी, मेरी तेरी, तेरी-मेरी कहानी' जी हां, जैसे गाने के बोल हैं ठीक वैसी ही कहानी रानू मंडल की है, जिन्हें उम्र की ढलान पर जौहरी भी मिला और अब बतौर प्लेबैक सिंगर वो बॉलीवुड में कदम भी रख रही हैं।
कहते भी हैं कि सभी को जिंदगी एक बार वक्त जरूर देता है, लेकिन वह वक्त मुकर्रर नहीं होता और रानू की कहानी भी यही कहती है कि वक्त ने रानू को अपना हुनर दिखाने एक मौका दिया। रानू की कहानी को दुनिया तक पहुंचाने वाले शख्स का नाम है यतीन्द्र चक्रवर्ती और यतीन्द्र चक्रवर्ती जैसा एक शख्स हर किसी की जिंदगी में जरूर आता है, लेकिन भागमभाग जिंदगी में किसी के पास इतना वक्त नहीं है कि वह उस वक्त का इंतजार करे और अपने हुनर को भी जिंदा रख सके, जो ईश्वर ने उसे और सिर्फ उसे ही दे रखी है।
पेश से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर यतीन्द्र चक्रवर्ती ने रानू को कोलकाता के राणाघाट स्टेशन पर गाते हुए सुना तो रानू के सुर और स्वर के मुरीद हो गए और तुरंत उन्होंने अपना मोबाइल फोन निकाला और रानू को गाते हुए शूट कर लिया और घर पहुंचते-पहुंचते रानू को सोशल मीडिया के हवाले कर दिया।
यतीन्द्र को भी भरोसा नहीं हो रहा था कि लोगों को रानू मंडल की आवाज की कशिश इतना दीवाना बना देगी। सोशल मीडिया पर रानू का वीडियो ही वायरल नहीं हुआ, रानू मंडल खुद वायरल होकर घर-घर पहुंच गई थीं। जिसने भी रानू को सुर साम्रागी लता मंगेसर के गाए 'एक प्यार का नगमा है' गाते हुए सुना रानू का दीवाना हुए बिना रह सका।
देखते ही देखते रानू मंडल देश में चर्चा में आ गई। अकेले फेसबुक पर रानू का वीडियो 4 मिलियन पर देखा जा चुका था। फिर क्या था वीडियो में गाना गा रही अधेड़ महिला रानू मंडल को खोजबीन शुरू हो गई और सोशल मीडिया पर वीडियो को अपलोड करने वाले यतीन्द्र चक्रवर्ती के जरिए रानू मंडल मीडिया से मुखातिब हुईं।
मीडिया की खबरों में सुर्खी बन चुकी रानू मंडल रियलिटी शो पहुंची और रियलिटी शो में सभी के आंखों के सामने रानू मंडल के सुरों की रियलिटी चेक भी हो गया। रियलिटी शो में रानू मंडल के गाए गीत 'ये प्यार का नगमा है' ने उन्हें स्टारडम तक पहुंचाने में मदद की। क्योंकि उसी रियलिटी शो में जज बनकर बैठे हिमेश रेशमिया ने रानू को अपनी फिल्म में गाने के लिए अप्रोच किया और आज रानू हिमेश की फिल्म 'हैप्पी हार्डी एंड हीर' फिल्म की प्लैबैक सिंगर हैं।
फर्श से अर्श तक पहुंच चुकी रानू मंडल का शुरूआती जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा। मुंबई में रहने वाले बबलू नामक शख्स से शादी के कुछ महीने बाद रानू मंडल विधवा हो गई। पति की मौत के बाद रानू वापस पश्चिम बंगाल चली आईं और पेट पालने के लिए कोलकाता के राणाघाट रेलवे स्टेशन के पास बैठकर गाना गाया करती थी, जिससे उन्हें जिंदा रहने के लिए कुछ पैसे मिल जाया करते थे।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो से प्लेबैक सिंगर बनने तक के सफ़र रानू मंडल को भी सपना सरीखा ही लगता है, लेकिन हकीकत यह है कि प्लेबैक सिंगर बन चुकी रानू मंडल को अब कोलकाता, मुंबई, केरल और बांग्लादेश बार्डर से सटे इलाकों से परफार्म करने के लिए ऑफर आ रहे हैं। इतना ही नहीं, रानू मंडल को अपनी खुद की म्युजिक एल्बम रिकॉर्ड करने का भी ऑफर मिल चुका है।
रानू मंडल को यकीन नहीं हो रहा है कि उनकी जिंदगी कितनी बदल गई है। रानू मंडल को अभी जिंदगी की पहेली में उलझी ही थी कि वायरल वीडियो उनके लिए एक और तोहफा लेकर आया जब उन्हें वायरल वीडियो में देखकर वर्षों से पहले खोयी उनकी बेटी उन्हें मिल गई। रानू और उनकी बेटी बीते 10 साल से एकदूसरे के संपर्क में नहीं थे। वीडियो वायरल होने के बाद रानू की बेटी ने उनसे घर आकर मुलाकात की। बेटी के आने से रानू अब खुशी से फूले नहीं समा रहीं। रानू कहती हैं कि यह उनकी दूसरी जिंदगी है और अब वो इसे बेहतर बनाने की कोशिश करेंगी।
न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर और पैनिक अटैक से पीड़ित रानू एक शाम घर के बाहर घूमने निकली और घूमते-घूमते पश्चिम बंगाल के नाडिया जिले के राणाघाट स्टेशन पहुंच गई। तब से रानू राणाघाट रेलवे स्टेशन पर गाना गाकर अपना गुजारा कर रही थीं और यतीन्द्र चक्रवर्ती के वारयल वीडियो ने रानू को प्लेबैक सिंगर ही बनाने में ही मदद नहीं की बल्कि 10 वर्षों से बिछड़ी एक बेटी को भी उसकी मां से मिलवा दिया।
रानू जब हिमेश रेशमिया के लिए गाना रिकॉर्ड कर रही थीं उस वक्त यतींद्र भी स्टूडियो में ही मौजूद थे। खुद यतीन्द्र को भी यकीन नहीं हो रहा कि उनके एक वीडियो ने कैसे एक महिला की जिंदगी बदल रख दी। रानू मंडल फिलहाल अपनी बदली हुई जिंदगी बहुत खुश हैं।
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