शपथ ग्रहण के दौरान विपक्ष की नारेबाजी पर रंजन गोगोई ने क्या कहा
नई दिल्ली। सुप्रीम के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने गुरुवार को राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ ले ली है। उनके शपथ ग्रहण के दौरान काफी हंगामा हुआ। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने 'शेम शेम' के नारे लगाए और सदन से वॉकआउट किया। शपथ के बाद इसको लेकर जब गोगोई से सवाल हुआ तो उन्होंने इस पर ज्यादा कुछ कहने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि जल्दी ही वो (विपक्ष) के लोग भी मेरा स्वागत करेंगे।
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इससे पहले गोगोई ने राज्यसभा जाने को लेकर कहा था कि उन्होंने ये इसलिए स्वीकार किया ताकि विधायिका और न्यायपालिका में सामंजस्य हो। उनका कहना है कि संसद में उनकी उपस्थिति विधायिका के समक्ष न्यायपालिका और न्यायपालिका के समक्ष विधायिका का दृष्टिकोण रखने का अवसर होगी।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गोगोई के शपथ ग्रहण के दौरान हंगामे पर कहा कि विपक्षी सदस्यों का आचरण एकदम गलत है। विभिन्न क्षेत्रों के कई गणमान्य लोग इस सदन के सदस्य रहे हैं। उन लोगों में पूर्व न्यायाधीश भी शामिल हैं जिन्हें मनोनीत किया गया था। हमें सदस्य का सम्मान करना चाहिए। विपक्षी सांसदों के बर्ताव को सभापति वेंकैया नायडू ने भी असंतोषजनक कहा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को रंजन गोगोई के राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। भारत के 46 वें मुख्य न्यायाधीश रहे रंजन गोगोई पिछले साल 17 नवंबर को पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनको राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने के बाद ना सिर्फ विपक्षी पार्टियों के नेताओं बल्कि कई पूर्व मंत्रियों, पूर्व जजों और संगठनों ने भी सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस, लेफ्ट और दूसरे विपक्षी दलों ने गोगई के राज्यसभा जाने को न्यायपालिका की आजादी पर हमला कहा है। रंजन गोगोई के राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में गोगोई के समकक्ष रहे सेवानिवृत्त जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा है कि क्या आखिरी किला भी ढह गया है? सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कुरियन जोसेफ नने कहा कि वे हैरान हैं कि जिस सीजेआई ने कभी न्यायपालिका की निष्पक्षता और आजादी के लिए ऐसा साहस दिखाया था, उन्होंने ही आजादी के सिद्धांत से समझौता कर लिया। वहीं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने तो उनके बेशर्म तक कह दिया।
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