सुप्रीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस होंगे रंजन गोगोई, प्रेस कॉन्फ्रेस करने वाले 4 जजों में थे शामिल
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में जस्टिस रंजन गोगोई 3 अक्टूबर को चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ले सकते हैं।
नई दिल्ली। तमाम विरोधाभासों के बीच अब तय हो गया है कि जस्टिस रंजन गोगोई ही सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। वर्तमान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने तय परंपरा के मुताबिक देश के अगले मुख्य न्यायाधीश पद के लिए सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई के नाम की सिफारिश करते हुए मंगलवार को केंद्र सरकार को इस संबंध में चिट्ठी सौंप दी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में जस्टिस रंजन गोगोई 3 अक्टूबर को चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ले सकते हैं। आइए, जानते हैं कि कौन हैं जस्टिस रंजन गोगोई।
पूर्व सीएम केशव चंद्र गोगोई के बेटे हैं जस्टिस गोगोई
असम के रहने वाले जस्टिस रंजन गोगोई, असम के ही पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के बेटे हैं। जस्टिस गोगोई ने 1978 में गुवाहाटी हाईकोर्ट से अपनी वकालत शुरू की थी। समय और अनुशासन के बेहद पाबंद माने जाने वाले जस्टिस गोगोई 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज बने। इसके बाद 2012 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया। जस्टिस गोगोई पूर्वोत्तर इलाके से आने वाले देश के पहले मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। न्यायपालिका की स्वतंत्रता और सर्वोच्च न्यायालय में रोस्टर सिस्टम पर सवाल उठाते हुए बीती 12 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले सुप्रीम कोर्ट के चार जजों में जस्टिस रंजन गोगोई भी थे।
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असम एनआरसी पर दिया था फैसला
देश की राजनीति में हचलच मचाने वाले 'असम एनआरसी' का फैसला सुनाने वाले जजों में जस्टिस रंजन गोगोई भी शामिल थे। इसके अलावा भी जस्टिस गोगोई कई अहम मामलों की सुनवाई में शामिल रह चुके हैं। जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के मामले में जस्टिस गोगोई ने ही एसआईटी के गठन से इंकार किया था। जस्टिस गोगोई लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद के प्रत्याशियों के लिए संपत्ति, शिक्षा और उनके खिलाफ चल रहे केसों का विवरण अनिवार्य करने वाली बेंच में भी शामिल थे।
इस फैसलों में रहे हैं शामिल
जस्टिस रंजन गोगोई ने ही अनुसूचित जाति के व्यक्ति को दूसरे राज्य में आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने का फैसला सुनाया था। इनके अलावा केंद्रीय सेवाओं में जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग के दायरे से बाहर करने वाली बेंच में भी जस्टिस गोगोई थे। जस्टिस रंजन गोगोई ने ही सौम्या मर्डर मामले में ब्लॉग लिखने पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू को कोर्ट में तलब किया था। कोलकाता हाईकोर्ट के जज जस्टिस कर्णन को 6 महीने की सजा सुनाने वाली पीठ में भी जस्टिस गोगोई शामिल थे। सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों की सुनवाई के लिए हर राज्य में विशेष कोर्ट के गठन का आदेश देने वाली पीठ में जस्टिस गोगोई शामिल थे।
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