रामनवमी हिंसा: कोलकाता में मुसलमानों ने हिंदुओं को बांधी राखी, कहा- 'दंगे हमारी संस्कृति नहीं'
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दो जिलों रानीगंज और आसनसोल में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में अबतक चार लोगों की मौत हो चुकी है। समाज में बिगड़े धार्मिक सौहार्दय को फिर से ठीक करने के लिए दोनों समुदाय के स्थानीय लोगों ने एक मिसाल पेश की है। रानीगंज और आसनसोल में विभिन्न धर्मों के लोगों ने शुक्रवार को एक-दूसरे को राखियां बांधी।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, बांग्ला सांस्कृतिक मंच नाम की संस्था ने शुक्रवार को कोलकाता के एकेडमी ऑफ फाइन ऑर्ट्स के बाहर एक कार्यक्रम आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों से संबंध रखने वाले लोगो ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में शामिल हुए हिंदू और मुस्लिमों ने एक दूसरे को राखी बांध दंगाईयों को संदेश दिया कि, दंगे हमारी संस्कृति नहीं है। आयोजनकर्ता मंच के अध्यक्ष समीरुल इस्लाम ने कहा, 'दो समुदायों के बीच ऐसी हिंसा देखना बंगाल की संस्कृति नहीं है। यह रबींद्रनाथ टैगोर और नजरुल इस्लाम की धरती है जिन्होंने हमें धार्मिक सद्भाव सिखाया है। हम हिन्दू और मुसलमानों के बीच एकता के लिए खड़े हैं। यहां इन दो धर्मों के लोग एक-दूसरे को राखी बांधेंगे ताकि यह संदेश दूर तक और स्पष्ट रूप से जाए।'
यह संस्था ऐसे ही कार्यक्रम रानीगंज और आसनसोल में बंगाली नववर्ष (14 अप्रैल) पर आयोजित करने वाली है। वहीं सांस्कृतिक मंच के महासचिव तन्मय घोष ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, 'यह और हिंसा भड़काने का समय नहीं, सांप्रदायिक सद्भाव पैदा करने का वक्त है।'