महाराष्ट्र: रणदीप सुरजेवाला ने राज्यपाल से पूछा- सरकार गठन के लिए कांग्रेस को न्योता क्यों नहीं
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सियासी रोमांच में मंगलवार को नया मोड़ सामने आया। प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है, वहीं दूसरी तरफ शिवसेना ने सरकार गठन करने के लिए समय न देने पर राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस भी नजर बनाए हुए है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की निंदा की है।
रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा कि, महाराष्ट्र के राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर के लोकतंत्र का अपमान किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का मखौल बनाया है। दूसरे ट्वीट में रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए ना पूछने पर राज्यपाल पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि, प्रदेश में कांग्रेस और एनसीपी दूसरा सबसे बड़ा गठबंधन था लेकिन सरकार ने हमसे नहीं पूछा।
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अपने तीसरे और आखिरी ट्वीट में रणदीप सुरजेवाला ने एनसीपी को भी सरकार बनाने के लिए फोन न किये जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता ने निशाना साधा है। उन्होंने पूछा कि, सरकार ने सभी व्यक्तिगत पार्टियों को बुलाया लेकिन कांग्रेस को नहीं बुलाया ऐसा क्यो? इसके अलावा उन्होंने पार्टियों को दिए गए समय पर भी सवाल पूछा है। सुरजेवाला ने लिखा कि, राष्ट्रपति शासन से पहले पार्टियों के मनमाने तौर पर सरकार गठन के लिए समय दिया गया। बीजेपी को 48 घंटे, शिवसेना को 24 घंटे और राकांपा को 24 घंटे भी नहीं।
सुप्रीम
कोर्ट
पहुंची
शिवसेना
वहीं,
राष्ट्रपति
शासन
की
सिफारिश
के
बाद
शिवसेना
ने
सुप्रीम
कोर्ट
में
याचिका
दाखिल
करते
हुए
महाराष्ट्र
के
राज्यपाल
के
फैसले
को
चुनौती
दी
है।
शिवसेना
ने
अपनी
याचिका
में
कहा
है
कि
राज्यपाल
ने
उन्हें
सरकार
बनाने
के
लिए
अपनी
क्षमता
साबित
करने
को
दिया
गया
समय
नहीं
बढ़ाया।
शिवसेना
की
तरफ
से
एडवोकेट
सुनील
फर्नांडीज
ने
सुप्रीम
कोर्ट
में
याचिका
दायर
की
है।
महाराष्ट्र
में
राष्ट्रपति
शासन
की
खबरों
को
लेकर
शिवसेना
की
नेता
प्रियंका
चतुर्वेदी
ने
भी
सवाल
उठाते
हुए
ट्वीट
कर
कहा,
'माननीय
राज्यपाल
सरकार
बनाने
के
लिए
एनसीपी
को
दिए
गए
समय
के
बीतने
तक
राष्ट्रपति
शासन
की
सिफारिश
कैसे
कर
सकते
हैं?'