आजम खान ने मॉब लिंचिंग को लेकर मुसलमानों पर दिया बड़ा बयान
आजम खान ने कहा है कि देश के मुसलमान आजादी के वक्त पाकिस्तान ना जाने की सजा भुगत रहे हैं।
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और यूपी की रामपुर लोकसभा सीट से सांसद आजम खान अक्सर अपनी बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। हालांकि इन दिनों आजम खान मुश्किलों में घिरे हुए हैं। दरअसल, रामपुर जिला प्रशासन ने आजम खान को भू-माफिया घोषित कर दिया है। आजम खान और उनके एक सहयोगी पर 26 किसानों की 5 हजार हेक्टेयर जमीन हड़पकर मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में इस्तेमाल करने का संगीन आरोप लगा है। इस विवाद के बीच आजम खान ने मॉल लिंचिंग को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। आजम खान ने कहा है कि देश के मुसलमान आजादी के वक्त पाकिस्तान ना जाने की सजा भुगत रहे हैं।
'पाकिस्तान ना जाने की सजा भुगत रहे हैं मुसलमान'
सपा सांसद आजम खान ने देश में लगातार सामने आ रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'ये वो सजा है, जो देश के मुसलमान 1947 के बाद से लगातार भुगत रहे हैं। चाहे जो भी हो जाए, मुसलमानों को इसका सामना करना पड़ेगा। हमारे पूर्वज पाकिस्तान क्यों नहीं गए? ये मौलाना आजाद, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल और बापू से पूछिए, क्योंकि इन लोगों ने मुसलमानों से वादे किए थे। अगर मुसलमान पाकिस्तान चले जाते तो उन्हें यह सजा नहीं मिलती। बापू की अपील पर मुसलमान पाकिस्तान नहीं गए थे। बापू ने मुसलमानों से कहा था कि ये देश तुम्हारा है, अगर बंटवारा बाकी के मुसलमान भी चाहते तो देश की ये शक्ल नहीं होती।'
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'हर तरफ मेरे दुश्मन हैं'
वहीं, खुद को भू-माफिया घोषित किए जाने के मामले पर आजम खान ने कहा, 'जब से मैंने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ चुनाव जीता है, मुझे सजा दी जा रही है। सभी आरोप झूठे हैं और वे चाहें तो जांच कर सकते हैं, मेरे हर तरफ दुश्मन हैं।' गौरतलब है कि आजम खान के खिलाफ रामपुर जिला प्रशासन ने अजीम नगर पुलिस थाने में FIR दर्ज कराई थी और अब उनका नाम राज्य सरकार के भू-माफिया पोर्टल पर डाल दिया गया है। इस बारे में बात करते हुए उपजिलाधिकारी ने मीडिया से कहा कि आजम खान का नाम भू माफिया पोर्टल पर दर्ज करा दिया गया है, आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी। आजम खान के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने करीब 26 किसानों की जमीन जबरन जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाई है।
जया प्रदा की याचिका पर आजम को नोटिस
इसके अलावा रामपुर संसदीय सीट पर हुए लोकसभा चुनाव के मामले में भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा की ओर से दाखिल की गई याचिका में भी आजम खान के लिए मुश्किलें बढ़ना तय मानी जा रही है। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर से चुनाव हारने वाली जया प्रदा की याचिका पर आजम खान को नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। आजम खान के चुनाव को जिन आधारों पर चैलेंज किया गया है, उसके पर्याप्त सुबूत हाईकोर्ट को सौंप दिए गए हैं। इनमें पहला आधार यह है कि आजम खान जौहर विश्वविद्यालय रामपुर के कुलाधिपति के लाभ पद पर हैं और लाभ पद पर रहते हुए ही उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा है। ऐसे में उनका निर्वाचन संवैधानिक नहीं माना जा सकता और ना ही उनका नामांकन वैध होना चाहिए। वही, दूसरा आधार धार्मिक मामले को लेकर है। जिसमें आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने धार्मिक आधार पर वोट मांगे थे।
'आज के हालातों से बेहतर थी इमरजेंसी'
आपको बता दें कि पिछले दिनों लोकसभा में इमरजेंसी पर बोलते हुए आजम खान ने कहा था, 'इमरजेंसी के हालात बुरे थे, लेकिन आज जो देश के हालात हैं, उससे कहीं बेहतर थे। सरकार और उसके लोग कहते हैं कि जो लोग वंदे मातरम नहीं कहेंगे, उन्हें देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है। मैं इसीलिए कहता हूं कि इमरजेंसी एक बुरा दौर था लेकिन आज की स्थिति उससे भी कहीं बुरे दौर में है। देश के हालातों को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने जो कहा है, वास्तव में हालात उससे भी खराब हैं। आज स्थिति ये है कि इंसान, इंसान कहने का भी हक नहीं रखता। इससे कहीं बेहतर होता, अगर कुत्ता हो जाता या बिल्ली हो जाता। ममता बनर्जी ने तो काफी कम सहन किया है, वास्तविक स्थिति उससे कहीं ज्यादा दयनीय है। वो तो केवल अपने राज्य का जिक्र कर रही हैं, लेकिन कष्ट तो कई दूसरे राज्यों में भी है।'