भाजपा-शिवसेना में सुलह की कोशिशें शुरू, अठावले में सुझाया नई सरकार का फॉर्मूला
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में हर दिन नए-नए समीकरण देखने को मिल रहे हैं। जहां एक ओर शिवसेना बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी और शिवसेना को साथ लाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। बीजेपी के सहयोगी दल दोनों पार्टियों के बीच सुलह कराने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार के लिए 3+2 का फॉर्मूला सुझाया है।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 3+2 का फॉर्मूला सुझाया
मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि, उन्होंने बीजेपी और शिवसेना की महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 3+2 का फॉर्मूला सुझाया है। उन्होंने कहा कि, मैंने शिवसेना नेता संजय राउत से बात की है और 3 साल के लिए बीजेपी और 2 साल के शिवसेना के मुख्यमंत्री का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा है कि अगर बीजेपी इसपर तैयार होती है तो वो भी विचार करेंगे। मैं इस बारे में बीजेपी से चर्चा करूंगा।
अमित शाह ने अठावले से कहा था, जल्द सब ठीक हो जाएगा
इससे पहले रविवार को रामदास अठावले ने संकेत दिए कि बीजेपी, महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ अपने रिश्तों को फिर से पटरी पर लौटाएगी और साथ ही राज्य में दोनों पार्टियां मिलकर सरकार का गठन करेंगी। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए रामदास आठवले ने कहा था कि महाराष्ट्र में जल्द ही बीजेपी की सरकार बनेगी। आठवले ने कहा कि, मैंने अमित भाई को कहा था कि वे मध्यस्थता करें तो सरकार गठन को लेकर रास्ता निकाला जा सकता है। इस पर उन्होंने कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, सब अच्छा होगा। भाजपा और शिवसेना सरकार बनाने के लिए साथ आएंगे।
शिवसेना बीजेपी पर हुई हमलावर
उधर शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी भाजपा पर कड़े हमले किए गए हैं। किसानों के मुद्द पर संपादकीय में भाजपा को घेरा गया है। इससे पहले सामना में भाजपा को निशाना बनाते हुए लिखा गया था कि एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के साथ आने से भाजपा के पेट में दर्द क्यों हैं। महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है। 12 दिसंबर को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। जिसमें बीजेपी के 105 और शिवसेना के 56 विधायक जीते हैं। कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटों पर जीत मिली। बहुमत के लिए यहां 145 सीटों की जरूरत है।
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