Ramayan के री-टेलीकास्ट से खुश दारा सिंह के बेटे, कहा-'ये मेरे पिता की आखिरी इच्छा थी'
नई दिल्ली। देश में कोरोना की वजह से 21 दिनों का लॉकडाउन है, इसी बीच जनता की मांग पर डीडी पर देश के दो ऐतिहासिक धार्मिक धारावाहिक 'रामायण' और 'महाभारत' की वापसी हुई है, रामानंद सागर की अनमोल कृति में से एक 'रामायण' की वापसी से केवल आम लोग ही नहीं बल्कि इस शो में अहम किरदार अदा करने वाले सितारे भी काफी खुश हैं, 33 साल बाद टीवी पर 'रामायण' की वापसी हुई है, ऐसे में इस शो के बहुत सारे कलाकार ऐसे भी हैं, जो आज हमारे बीच में नहीं हैं, ऐसे ही एक महान कलाकार का नाम है दारा सिंह, जिन्होंने 'रामायण' में हनुमान का रोल निभाया था।
विंदु ने हनुमान के रूप में पिता दारा सिंह को किया याद...
दारा सिंह ने अपने सजिव अभिनय से हर किसी को अपना मुरीद बना लिया था, उनके जैसा हनुमान का रोल करने वाला और कोई कलाकार नहीं है, जिसने अपने अभिनय से लोगों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी हो, आज भले ही दारा सिंह दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अपने सशक्त अभिनय के दम पर वो हमेशा हमारे बीच जिंदा रहेंगे, रामायण के पुन: प्रसारण से उनके बेटे विंदु दारा सिंह काफी खुश हैं।
'मेरे पिता ने तीन बार हनुमान का किरदार निभाया था'
एक न्यूज चैनल से बात करते हुए विंदु दारा सिंह ने कहा कि मेरे पिता ने तीन बार हनुमान का किरदार निभाया था - पहली बार फिल्म 'जय बजरंग बली' (1974) में, फिर रामानंद सागर की 'रामायण' में और बीआर चोपड़ा की 'महाभारत' में, उसके बाद, मेरे सहित कई अभिनेताओं ने निभाया लेकिन पर्दे पर हनुमान के रूप में कोई भी उनकी तरह जनता से नहीं जुड़ पाया, यह एक बहुत बड़ा आशीर्वाद है कि इतने सालों के बाद शो फिर से प्रसारित किया जा रहा है।
'ये मेरे पिता की आखिरी इच्छा थी'
उन्होंने ये भी बताया कि अपने आखिरी दिनों में दारा सिंह ने उन्हें विंदू से रामायण को रीप्ले करने के लिए कहा था, विंदू ने कहा कि उनके आखिरी दिनों में, मैंने उनसे पूछा कि क्या उनको कोई ख्वाहिश है जो कि अधूरी रह गई है तो उन्होंने कहा था कि 'चल रामायण लगा दे',मैं इसे फिर से देखूंगा, वह शो को बड़े चाव से देखते थे और एक दिन में पांच एपिसोड खत्म करते थे, यह उनकी आखिरी इच्छा थी।
'दारा सिंह ने 55 वर्ष की आयु तक पहलवानी की'
मालूम हो कि दारा सिंह अपने जमाने के विश्व प्रसिद्ध फ्रीस्टाइल पहलवान थे, उन्होंने 1959 में पूर्व विश्व चैम्पियन जार्ज गारडियान्का को पराजित करके कामनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप जीती थी। 1968 में वे अमरीका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को पराजित कर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व चैम्पियन बने थे, उन्होंने 55 वर्ष की आयु तक पहलवानी की और 500 सौ मुकाबलों में किसी एक में भी पराजय का मुंह नहीं देखा। 1983 में उन्होंने अपने जीवन का अंतिम मुकाबला खेला था और उसके बाद उन्होंने संन्यास ले लिया था।
12 जुलाई 2012 को ली अंतिम सांस
दारा सिंह ने कई फिल्मों में अभिनय के अतिरिक्त निर्देशन और लेखन भी किया लेकिन रामायण में निभाए हनुमान के किरदार ने उन्हें आम जनमानस के दिलों का राजा बना दिया। उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने राज्य सभा का सदस्य मनोनीत किया। वे अगस्त 2003 से अगस्त 2009 तक पूरे छ: वर्ष राज्य सभा के सांसद रहे। उन्होंने 12 जुलाई 2012 को अंतिम सांस ली थी।
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