कर्नाटक: विश्वास मत से पहले कांग्रेस के लिए राहत की खबर, एक बागी MLA ने वापस लिया इस्तीफा
बेंगलुरु। कर्नाटक में पिछले कई हफ्तों से चला आ रहा सियासी संकट अभी भी बरकरार है। लेकिन इस बीच बुधवार रात कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के लिए एक राहत की खबर आई है। कांग्रेस के बागी विधायक रामालिंगा रेड्डी ने कहा कि, वह अपना इस्तीफा वापस ले रहे हैं और वह कांग्रेस के पक्ष में मतदान करेंगे। बता दें कि, 18 जुलाई को विधानसभा में गठबंधन सरकार को फ्लोर टेस्ट से गुजरना है। इसे लेकर कांग्रेस और जेडीएस ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है। हालांकि कोर्ट के फैसले के अनुसार बागी विधायकों पर व्हिप लागू नहीं होगा।
विधायक रामालिंगा रेड्डी का ऐलान, मैं कल विधानसभा सत्र में भाग लूंगा और पार्टी के पक्ष में मतदान करूंगा। मैं पार्टी में बना रहूंगा और विधायक के रूप में काम करूंगा। वहीं कांग्रेस के बागी विधायक सुधाकर वापस बेंगलुरु आ गए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी डेंगू से पीड़ित है, जिसका वह इलाज कराएंगे। गुरुवार को विश्वासमत के दौरान वह सदन में नहीं रहेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद कर्नाटक में कांग्रेस व जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) गठबंधन सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
गुरुवार को विश्वास मत के दौरान बागी विधायकों के सदन छोड़ने के बाद गठबंधन के पास बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त सदस्य नहीं होंगे। कर्नाटक के बागी विधायकों ने साफ कर दिया है कि वे 18 जुलाई को विश्वासमत पर चर्चा के दौरान सदन में नहीं जाएंगे। मुंबई के एक होटल में लगभग 10 दिनों से मौजूद कांग्रेस के विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है। बागी विधायकों ने कहा कि वे सभी अपने फैसले पर कायम हैं और सदन में जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।
जद-एस के बागी विधायक ए.एच. विश्वनाथ ने कहा, हम गुरुवार को विधानसभा में भाग लेने के लिए बेंगलुरू नहीं जा रहे हैं। हमें सत्र से हटने की अनुमति देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का धन्यवाद करते हैं। हम अध्यक्ष को इस्तीफा दे चुके हैं और इसके तुरंत स्वीकृत होने की उम्मीद कर रहे हैं। कांग्रेस के 13 और जेडीएस के तीन विधायकों सहित कुल 16 विधायकों ने इस्तीफा दिया है। वहीं, दो निर्दलीय विधायकों- आर शंकर और एच नागेश ने गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।
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