देश के कई हिस्सों में सोमवार को नहीं दिखा रमजान का चांद, अब 14 अप्रैल को होगा पहला रोजा
नई दिल्ली। ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि सोमवार यानी कि 12 अप्रैल को रमजान का चांद दिखेगा और 13 अप्रैल यानी कि आज मंगलवार से रमजान का पहला रोजा होगा। लेकिन दिल्ली, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, बंगाल और कर्नाटक सहित देश के किसी भी हिस्से में चाद नहीं दिखा तो अब रमजान का पहला रोजा बुधवार यानी कि 14 अप्रैल को होगा। मरकजी मदरसा एहले सुन्नत अजमल उल उलूम में हिलाल कमेटी की बैठक में भी इस बात की जानकारी दी गई है। दिल्ली के चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में बताया कि सोमवार को दिल्ली में रमजान का चांद नजर नहीं आया इसलिए 14 अप्रैल यानी बुधवार को होगा।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को इस्लामी कलेंडर के आठवें महीने शाबान का 30वां दिन होगा। आपको बता दें कि रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौंवा महीना होता है। दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय के लोग इस मौके पर पूरे महीने लोग सुबह से शाम तक उपवास करते हैं फिर इफतार के बाद खास तरह की नमाज अदा की जाती है। लोग सुबह-सुबह सेहरी खाकर उपवास की शुरुआत करते हैं और फिर रात में इफ्तार से उपवास खोलते हैं। गौरतलब है कि इस बार कोरोना संकट के कारण पूरी दुनिया में रोजेदारों को घरों में ही इबादत करने की सलाह दी जा रही है।
जानिए रमजान के महीने में सेहरी और इफ्तार का समय
भारत में भी मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी ऐसी ही अपील की है। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी मुसलमानों को रमजान के वक्त भी कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करने की अपील की है। वहीं मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और नाइट कर्फ्यू को देखते हुए ही पवित्र महीने में इबादत की जाए। उन्होंने अपील की है कि मस्जिद में 100 से ज्यादा लोग एकत्र न हों। मस्जिद में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए। इसके अलावा सेहरी में लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने से बचें, सेहरी और इफ्तार में कोरोना के खात्मे की दुआ करें।
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