रंजन गोगोई के राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर रामचंद्र गुहा का तीखा हमला, बोले- ये तीसरी तरह के जज
नई दिल्ली। इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने की तीखी आलोचना की है। गुहा ने कहा कि ये गृहमंत्री और कानून मंत्री से जान पहचान रखने वाले जज हैं। गुहा ने अपने ट्वीट में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के एख बयान को जिक्र करते हुए ये बात अपने ट्वीट में कही है।
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रामचंद्र गुहा ने अपने ट्वीट में लिखा, 2012 में राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली ने कहा था कि जज दो तरह के होते हैं, एक वो जो कानून जानते हैं और दूसरे कानून मंत्री को जानते हैं। अब एक और तरह के जज भी हो गए हैं। ये हैं जो कानून मंत्री और गृह मंत्री दोनों जानते हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को रंजन गोगोई के राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। भारत के 46 वें मुख्य न्यायाधीश रहे रंजन गोगोई पिछले साल 17 नवंबर को पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनको राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने के बाद ना सिर्फ विपक्षी नेताओं बल्कि कई पूर्व मंत्रियों और संगठनों ने भी सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर कहा है कि उन्हें गलत वजहों के लिए याद किया जाएगा। सिब्बल ने अपने ट्वीट में कहा, न्यायमूर्ति एच आर खन्ना अपनी ईमानदारी, सरकार के सामने खड़े होने और कानून का शासन बरकरार रखने के लिए याद किए जाते हैं।न्यायमूर्ति गोगोई राज्यसभा जाने की खातिर सरकार के साथ खड़े होने और खुद की ईमानदारी के साथ समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे।
वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने गोगोई से अपील की है कि वो राज्यसभा के लिए मना कर दें। उन्होंने ट्वीट किया, मैं आशा करता हूं कि पूर्व प्रधान न्यायाधीश गोगोई में राज्यसभा सीट के प्रस्ताव को 'ना' कह देना चाहिए। ऐसा ना करने पर वे न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाने की वजह बनेंगे।
रंजन गोगोई अपनी ईमानदारी से समझौता करने के लिए याद किए जांएगे: सिब्बल