राम जन्मभूमि-बाबरी विवाद पर श्री श्री रविशंकर की मध्यस्थता स्वीकार नहीं, बोले राम विलास वेदांती
राम विलास वेदांती ने साफ किया है कि श्री श्री रवि शंकर की मध्यस्थता किसी भी हालत में स्वीकार नहीं की जाएगी। राम जन्मभूमि आंदोलन राम जन्मभूमि न्यास और विश्व हिंदू परिषद ने लड़ा है इसलिए वार्ता का अवसर भी इन दोनों संगठनों को मिलना चाहिए।
नई दिल्ली। बीजेपी के पूर्व सांसद और राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य राम विलास वेदांती ने कहा है कि राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद सुलझाने में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर की मध्यस्थता उन्हें किसी भी कीमत में स्वीकार नहीं है। कल्कि महोत्सव में हिस्सा लेने आये वेदांती ने कहा कि श्री श्री राम जन्मभूमि आंदोलन से कभी जुड़े नहीं रहे इसलिये उनकी मध्यस्थता मंजूर नहीं है।
राम विलास वेदांती ने कहा, 'जिसने आज तक रामलला के दर्शन नहीं किये हैं, वह मध्यस्थता कैसे कर सकता है। हम इस आंदोलन के लिए जेल गए और मुकदमे लड़ रहे हैं.' उन्होंने कहा कि श्री श्री रवि शंकर मामले को सुलझाने की पात्रता कहां रखते हैं। पहले श्री श्री रविशंकर को राम लला के दर्शन और पूजा करनी चाहिए।'
राम विलास वेदांती ने साफ किया है कि श्री श्री रवि शंकर की मध्यस्थता किसी भी हालत में स्वीकार नहीं की जाएगी। राम जन्मभूमि आंदोलन राम जन्मभूमि न्यास और विश्व हिंदू परिषद ने लड़ा है इसलिए वार्ता का अवसर भी इन दोनों संगठनों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री श्री रवि शंकर कभी भी राम जन्म भूमि आंदोलन से जुड़े ही नहीं रहे तो वह कैसे मध्यस्थता कर सकते हैं।
श्री श्री रविशंकर ने कही थी मध्यस्थता की बात
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा था 'कुछ लोग मेरे पास आए और मुझसे मिले हैं। अभी बात बस इतनी ही है। सभी लोग सकारात्मक ऊर्जा के साथ आए थे और लोग इस मसले का हल चाहते हैं। यदि मुझे मध्यस्थ बनने की जरूरत पड़ी तो मैं इसके लिए तैयार हूं।' खबरों के मुताबिक श्रीश्री रविशंकर से निर्मोही अखाड़ा और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआइएमपीएलबी) के कुछ सदस्यों मे मध्यस्थता के लिए मुलाकात की थी।
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