राम मंदिर: शिवसेना की मांग, पूर्व CJI गोगोई को भी मिले भूमि पूजन में शामिल होने का न्योता
नई दिल्ली- जब से अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन और शिलान्यास की तारीखों का ऐलान हुआ है, सबसे ज्यादा शिवसेना ही उत्साहित नजर आ रही है। पिछले तीन दिनों में पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के दाहिने हाथ संजय राउत की ओर से लगातार बयान आ रहे हैं। अब उन्होंने मांग की है कि अयोध्या विवाद में राम मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले देश के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी इस कार्यक्रम के लिए न्योता भेजा जाय। बता दें कि पिछले साल 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की जिस संवैधानिक पीठ ने सर्वसम्मति से अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया थे, उस बेंच की अगुवाई जस्टिस गोगोई ही कर रहे थे।
'गोगोई को भी मिले भूमि पूजन में शामिल होने का न्योता'
महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना ने मांग की है कि 5 अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन और शिलान्यास समारोह के लिए मेहमानों की सूची में भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का नाम भी शामिल किया जाए। गौरतलब है कि जस्टिस गोगोई अभी राज्यसभा सांसद हैं। शिवसेना ने यह मांग अपने मुखपत्र सामना के जरिए आगे रखी है। सामना के संपादकीय में शिवसेना ने कहा है, 'सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई वर्तमान में मौजूदा समय में राज्यसभा के सदस्य हैं। उन्होंने ही चीफ जस्टिस रहते हुए अयोध्या में राम मंदिर बनने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होने के लिए जिन विशेष लोगों को निमंत्रण भेजा जा रहा है, उस लिस्ट में रंजन गोगई को भी खास जगह मिलनी चाहिए।' मोटे तौर पर सामना में यही लिखा गया है कि लाखों कार सेवकों, शिवसेना जैसे हिंदुत्व से जुड़े संगठन और रंजन गोगोई जैसे राम भक्तों की वजह से ही मंदिर निर्माण शुरू हो रहा है।
शिवसेना ने अपनी पीठ खूब थपथपाई
सामना के संपादकीय के जरिए शिवसेना ने राम मंदिर आंदोलन के लिए अपनी खूब पीठ भी थपथपाई है, साथ ही भाजपा के मौजूदा नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इशारों में कटाक्ष भी किया है। इसमें पीएम मोदी द्वारा भूमि पूजन किए जाने का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि वर्षों पहले इस मंदिर के लिए लाखों राम भक्त गोलियों की परवाह किए बगैर अयोध्या पहुंचे थे। आंदोलन की नींव रखने वालों में विश्व हिंदू परिषद के दिवंगत नेता अशोक सिंघल और शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे भी शामिल थे। इस मंदिर के लिए लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा निकाली थी, लेकिन आज वो वनवास पर चले गए हैं। इसमें वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी का भी नाम लेते हुए कहा गया है कि इन लोगों के प्रयासों के बगैर यह आंदोलन संभव नहीं था।
40 किलो चांदी की ईंट से रखी जाएगी आधारशिला
गौरतलब है कि जो बात शिवसेना ने सामना के जरिए कही है, वह पार्टी नेता संजय राउत पहले से ही दावा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी के बगैर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ नहीं हो पाता। संयोग से वो सामना के संपादक भी हैं। इसके साथ ही उन्होंने निमंत्रण मिलने से पहले ही यह भी कह दिया था कि वो जरूर आएगा और इस कार्यक्रम में शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शामिल होंगे। इस बीच श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े संत और अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के मुताबिक राम मंदिर की आधारशिला 40 किलो चांदी की ईंट से रखी जाएगी। इसके लिए 5 अगस्त को दोपहर 12.15 की शुभ मुहूर्त निकाला गया है।
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