क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Ayodhya Ram Temple: मुस्लिम पक्षकार बोले, 'काव्य ग्रंथ रामायण को इतिहास नहीं माना जा सकता?'

Google Oneindia News

बंगलुरू। अयोध्या स्थित विवादित स्थल के निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट की फास्ट ट्रैक कोर्ट पिछले 17 दिनों से लगातार सुनवाई कर रही है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के सामने विवादित स्थल से जुड़े विभिन्न पक्षकारों ने अपने दावों और दलीलों दोनों से सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय पीठ को कायल करने की कोशिश की। सोमवार को जब अदालत की कार्रवाई शुरू हुई तो सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने यह कहकर सबको चौका दिया कि हिंदू आस्था के आधार पर कोर्ट राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद का फैसला नहीं कर सकती है।

Ayodhya

विवादित भूमि पर दलील पेश करते हुए वकील राजीव धवन ने कहा कि विवादित भूमि का निपटारा हिन्दू आस्था से नहीं किया जाना चाहिए बल्कि मामले को कानूनी तरीकों से निपटाना चाहिए। वकील यही नहीं रूके, उन्होंने आगे कहा कि स्कंद पुराण और वेदों के जरिए मामले का निपटारा संभव नहीं हो सकता है, क्योंकि अयोध्या में हिंदुओं की आस्था हो सकती है, लेकिन वो कभी भी सबूत की जगह नहीं टिक सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फास्ट ट्रैक कोर्ट में उक्त दलील दे रहे मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन ने उच्चतम अदालत से कहा कि रामलला विराजमान और परिक्रमा के दस्तावेजों पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। उन्होंने पुराने केस और फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि देवता की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं, केवल सेवायत का ही होता है। इस दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के आदेश पर पुरातत्व विभाग के सर्वेक्षण में मिले मंदिर अवशेष के सबूतों पर मुस्लिम पक्षकार के वकील कोई चर्चा नहीं की।

Ayodhya

बकौल राजीव धवन, वर्ष 1934 में हिन्दुओं ने बाबरी मस्जिद पर हमला किया और फिर 1949 में विवादित स्थल पर अवैध घुसपैठ की और 1992 में विवादित ढांचे को तोड़ दिया गया और अब कह रहे हैं कि संबंधित जमीन पर उनके अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों में से एक न्यायाधीश ने कहा था कि ऐतिहासिक तथ्य स्वामित्व पर फैसला करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं हो सकता है। गोस्वामी तुलसीदास लिखित को रामायण काव्य ठहराते हुए मुस्लिम पक्षकार के वकील ने कहा कि रामायण को इतिहास का हिस्सा नहीं कहा जा सकता है।

सुनवाई के दौरान अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि के स्वामित्व के लिए हिन्दू पक्षों के दावों का विरोध करते हुए वकील राजीव धवन ने कहा कि मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का भारत के भविष्य, इसकी धर्मनिरपेक्षता और संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। इस दौरान उन्होंने कोर्ट ने पूछा कि कोर्ट भगवा राम के जन्मस्थान के सटीक स्थान का निर्धारण कैसे करेगी। यह सच है कि देश, समाज और परिवार आस्था के आधार पर हमेशा से ही चलती आई है और एक राष्ट्र के तौर पर कानूनों का निर्माण प्रायः लोगों की सहूलियत और सुरक्षा के लिए की जाती है।

Ayodhya

उल्लेखनीय है हाईकोर्ट के आदेश के बाद विवादित स्थल पर पुरातत्व विभाग द्वारा कराए गए खुदाई के बाद मिले मंदिर अवशेषों के आधार पर ही हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने विवादित स्थल को मंदिर माना था और उसके बाद दिए फैसले में विवादित स्थल को तीन भागों में बांटने की सलाह दी थी, जिसे सभी पक्षकारों ने मानने से इनकार कर दिया था।

सुन्नी वक्फ बोर्ड और वास्तविक याचिकाकर्ताओं में से एम सिद्दीकी की ओर से पेश हुए वकील राजीव धवन जब उक्त दलील दे रहे थे तब सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने उन्हें विषयांतर नहीं होने की सलाह देते हुए कहा कि मुस्लिम पक्षकार के वकील की दलीलें मुद्दों से संबधित नहीं है।

Ayodhya

इस पर अपना बचाव करते हुए वकील राजीव धवन ने कहा कि उक्त सभी मुद्दे दूसरे पक्ष द्वारा उठाए गए हैं और उन्हें जवाब देने की अनुमति मिलनी चाहिए, क्योंकि यह सुनवाई देश के भविष्य से जुड़ी है। इतना सुनते ही रामलला विराजमान पक्ष के वकील सीएम वैद्यनाथन ने कहा कि धवन को इधर-उधर की बात करने के बजाय मुद्दई (मुस्लिम पक्षों) के बारे में चर्चा करनी चाहिए।

Ayodhya

गौरतलब है प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सामने पिछले 17 दिनों की सुनवाई के दौरान मामले से जुड़े सभी पक्षकार अपनी दलीलें पेश कर चुके हैं। माना जा रहा है कि अगर सुनवाई ऐसी ही चलती रही तो नवंबर-दिसंबर तक सुप्रीम कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुना सकती है। यह बात दीगर है कि अभी तक पेश हुए दलीलों में मुस्लिम पक्षकार विवादित स्थल पर अपने दावों का कोई भी ठोस आधार कोर्ट को सौंप नहीं पाई है इसलिए माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला राममंदिर के पक्ष में आ सकता है।

यह भी पढ़ें-अयोध्या: बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी पर हमला, अंतर्राष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह पर आरोप

Comments
English summary
Muslim party advocate opposes faith based verdict on disputed land case in ayodhya, on 17th day of Supreme court of India's constitutional body hearing updates
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X