राम मंदिर भूमि पूजन: ओवैसी बोले- PM ने किया शपथ का उल्लंघन......लोकतंत्र की हार
नई दिल्ली- राम मंदिर निर्माण को लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन का हमला लगातार जारी है। अब उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अटैक करना शुरू कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया गया कि राम मंदिर की आधारशिला रखकर प्रधानमंत्री मोदी ने पद के शपथ का उल्लंघन किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि आज लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की हार हुई है और हिंदुत्व जीत गया है। गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद केस में मुस्लिमों के प्रमुख पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने बिना नाम लिए इस मसले पर राजनीति करने से आगाह किया था, लेकिन ओवैसी का रवैया बरकार है।
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हैदराबाद के लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी को प्रधानमंत्री मोदी का अयोध्या जाकर भूमिपूजन में शामिल होना रास नहीं आया है। उन्होंने कहा है, 'भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। प्रधानमंत्री ने राम मंदिर की आधारशिला रखकर शपथ का उल्लंघन किया है। यह लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की हार और हिंदुत्व की सफलता का दिन है। '
इतना ही नहीं ओवैसी ने ये भी कहा है कि, 'प्रधानमंत्री ने आज कहा कि वह भावुक थे। मैं कहना चाहता हूं कि मैं भी उतना ही भावुक हूं, क्योंकि मैं सह-अस्तित्व और नागरिकता की समानता में विश्वास रखता हूं। मिस्टर प्राइम मिनिस्टर, मैं इसलिए भावुक हूं कि वहां 450 वर्षों तक एक मस्जिद खड़ी थी।'
इस दौरान ओवैसी ने कांग्रेस को भी लपेटने की कोशिश की। उन्होंने कहा है, 'बाबरी मस्जिद गिराए जाने के लिए कांग्रेस भी उतनी ही जिम्मेदार है। ये धर्मनिरपेक्ष पार्टियां पूरी तरह से बेनकाब हो गई हैं।' गौरतलब है कि आज तड़के बाबरी मस्जिद की दो तस्वीरें ट्विटर पर डालकर उन्होंने लिखा था, 'बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंसाल्लाह बाबरी मस्जिद जिंदा है।'
गौरतलब है कि उनके इस तरह के बयानों पर बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने निराशा जताई है। उन्होंने कहा है कि अब तो विवाद खत्म हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस पर बात नहीं हो सकती। उन्होंने यह भी कहा कि नौ महीने बाद भी अब तक अयोध्या के विवाद पर मुसलमानों की तरफ से एक भी दरख्वास्त नहीं पड़ी है। अब कोई हिंदू-मुस्लिम का विवाद नहीं है। अब कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
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