28 साल बाद फिर शुरू हुई राम मंदिर रथयात्रा, दो माह में छह राज्यों से गुजरेगी
अयोध्या। मंगलवार को जहां राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई हुई तो वहीं दूसरी ओऱ अयोध्या से राम मंदिर रथयात्रा की शुरुआत हो गई। विश्व हिंदू परिषद के समर्थन से अयोध्या से मंगलवार को 'राम राज्य रथयात्रा' का शुभारंभ किया गया। यह यात्रा तमिलनाडु के रामेश्वरम में समाप्त होगी और इससे पहले अगले दो महीनों में छह राज्यों से गुजरेगी। यात्रा के दौरान इसकेे समर्थन में 10 लाख से अधिक लोगों का हस्ताक्षर भी कराया जाएगा।
वीएचपी के महासचिव चंपत राय ने दिखाई झंडी
विश्व हिंदू परिषद और महाराष्ट्र की संस्था श्री रामदास मिशन यूनिवर्सल सोसायटी के सहयोग से यह रथयात्रा निकाली जा रही है। यात्रा के उद्घाटन अवसर पर आयोजित सभा में मुख्य अतिथि वीएचपी के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 1991 में भी भारत सरकार ने मामले को आपसी सुलह से सुलझाने के प्रयास शुरू किए थे, जिसमें मुस्लिम पक्ष के नेताओं ने कहा था कि यदि विवादित स्थल पर मस्जिद के चिन्ह साबित नहीं हुए तो वे अपना दावा छोड़ देंगे।
यात्रा का समापन राम नवमी (25 मार्च) को होगा
बता दें कि 28 साल पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए राम रथयात्रा निकाली थी। हालांकि विश्व हिंदू परिषद अवध जोन के समन्वयक शरद शर्मा ने बताया कि वीएचपी रथ यात्रा को सपॉर्ट कर रही है लेकिन उसका हिस्सा नहीं है। यहां तक कि विश्व हिंदू परिषद का बैनर भी रथ यात्रा के साथ नहीं होगा। यात्रा का समापन राम नवमी (25 मार्च) को होगा। इस दौरान केंद्र सरकार से प्राथमिकता के तौर पर 14 महीने के अंदर राम मंदिर बनाए जाने की मांग की भी जाएगी।
इन 6 राज्यों से होकर गुजरेगी रथयात्रा
राम राज्य रथयात्रा में एक रथ होगा। एक टाटा मिनी ट्रक को रथ का स्वरूप दिया गया है। 25 लाख रुपये से बने इस रथ को 4 महीने में बनाया गया है। लकड़ी से बने इस रथ में दक्षिण भारतीय मसालों का प्लास्टर लगाया गया है। इसमें 28 घुमावदार पिलर्स बनाए गए हैं। आयोजकों का कहना है कि रथ की जो आकृति है वह प्रस्तावित राम मंदिर की तरह है। यह यात्रा भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के अलावा कांग्रेस शासित कर्नाटक से गुजरेगी। कर्नाटक में पार्टी इस साल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से सत्ता हथियाने की उम्मीद कर रही है। यात्रा अंतिम चरण में केरल से गुजरेगी, जहां भाजपा अपने पैर फैलाने की कोशिश में जुटी है।