मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे एक और प्रत्याशी का नामाकंन हुआ रद्द, संतों ने मचाया हंगामा
वाराणसी। देश की सबसे हॉट लोकसभा सीट वाराणसी (varanasi) ने चुनाव 19 मई को होना है। इसके लिए 29 अप्रैल नामांकन की अंतिम तारीख थी। वाराणसी में देशभर के विभिन्न राज्यों के लगभग 102 लोगो ने नामांकन किया था। नामांकन की प्रक्रिया के बाद बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच होनी थी। जिसमें कई प्रत्याशियों के नामांकन पत्र में कमी होने के चलते उनके नामांकन बुधवार को रिटर्निग आफिसर ने रद्द कर दिया। उन्हीं में से एक अखिल भारतीय राम राज्य परिषद की तरफ से लोकसभा का नामांकन करने वाले श्री भगवान दास वेदांत आचार्य का पर्चा भी आज खारिज कर दिया गया। इससे पहले सपा-बसपा गठबंधन से चुनाव लड़ रहे बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव(Tej Bahadur Yadav)का नामांकन रद्द कर दिया गया।
शिष्यों के साथ धरने पर बैठे स्वामी अविमुक्तेश्वरनंद
पर्चा खारिज की सूचना मिलते ही शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद साधु संतों के साथ जिला मुख्यालय पहुंच गए। वे जिला निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात करने के लिए को लेकर अड़ गए। वहीं मौके पर मौजूद पुलिस के आला अधिकारियों ने संतों को कलेक्ट्रेट ऑफिस के अंदर जाने से रोका तो स्वामी जी अपने शिष्यों और राम राज्य परिषद के प्रत्याशी श्री भगवान दास के साथ धरने पर बैठ गए। आक्रोशित स्वामी अविमुक्तेश्वरनंद का आरोप है कि पीएम के दबाव में उनके प्रत्याशी का पर्चा खारिज किया गया है।
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केवल मात्रा की गलती के वजह से खारिज किया गया है
अविमुक्तेश्वरनंद ने कहा कि, केवल मात्रा की गलती के वजह से खारिज किया गया है। जोकि गलत है। चुनाव अधिकारी से मिलने पर अड़े स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को अंदर नही जाने दिया गया लेकिन उनके द्वारा समर्थित प्रत्याशी श्री भगवान वेदांताचार्य वकील को चुनाव अधिकारी से मिलने के लिए जाने दिया गया। संतो का आरोप है कि नरेंद्र मोदी अपने सामने किसी को लड़ने नहीं देना चाहते। उन्होंने जनता नाराज है जनता को जो सब्जी बाग दिखाए वे सब झूठ है, चाइनीज़ झालर पूरे शहर में लगाईं गईं हैं और मंदिर मूर्तियां तोड़ी गयी हैं। हम अपनी शिकायत को लेकर कोर्ट में जाएंगे।
बीजेपी के इशारे पर रद्द किया गया नामांकन
स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य अभिमुक्तेश्वरानन्द ने कहा कि बीजेपी के लोग अधिकारियो के साथ मिला कर जानबूझ कर बाकी प्रत्याशियों के नामांकन में गलती ना होने पर भी कमी निकाल पर्चा खारिज करा रहे है। उन्होंने एक तरफ जहां डीएम और चुनाव से जुड़े अधिकारियों पर मिली भगत का आरोप लगाया वहीं नामांकन स्थल पर साधु समाज के लोग और उनके समर्थकों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। जिससे कई बार परिसर में तनावपूर्ण माहौल बना गया था।
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