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जानिए किसके कहने पर बिस्मिल ने पढ़ा -सरफरोशी की तमन्ना...

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नई दिल्ली। जब-जब काकोरी कांड की बात आती है, तब-तब स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल का नाम तुरंत जेहन में आता है। इसके अलावा 1918 के मैनपुरी कांड में भी बिस्मिल ने बड़ी भूमिका निभाई थी, आज उन्हीं क्रांतिकारी, लेखक, इतिहासकार, साहित्यकार का 122 वां जन्मदिवस है, रामप्रसाद बिस्मिल ने मात्र 11 वर्ष की आयु में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेना शुरू कर दिया था, उनका जन्म 11 जून 1897 को शाहजहांपुर में हुआ था, राम प्रसाद बिस्मिल आर्यसमाज से प्रेरित थे।

राम प्रसाद बिस्मिल को मिली थी फांसी की सजा

राम प्रसाद बिस्मिल को मिली थी फांसी की सजा

अंग्रेजों ने राम प्रसाद बिस्मिल को 19 दिसंबर 1927 को काकोरी कांड में शामिल होने की वजह से फांसी दी थी, बिस्मिल को कविताओं और शायरी लिखने का काफी रूचि थी, फांसी के तख्त पर बिस्मिल ने 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है' गाकर इस गीत को अमर कर दिया, इस गीत को तो हर कोई गुनगुनाता है लेकिन इसके इतिहास से बहुत कम लोग ही वाकिफ हैं।

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स्वतंत्रता सेनानी अशफाक उल्ला खां ने कहा एक शेर

दरअसल एक दिन स्वतंत्रता सेनानी अशफाक उल्ला खां शाहजहांपुर में बिस्मिल के पास किसी काम से आए थे, अशफाक उस वक्त शायराना मूड में थे और अचानक जिगर मुरादाबादी की चंद लाइनें गुनगुनाने लगे। लाइनें थीं-कौन जाने ये तमन्ना इश्क की मंजिल में है, जो तमन्ना दिल से निकली फिर जो देखा दिल में है।

बिस्मिल ने उड़ाया था शेर का मजाक

बिस्मिल ने उड़ाया था शेर का मजाक

बिस्मिल ये सुन कर मुस्कुरा दिए, अशफाक को यह अच्छा नहीं लगा, उन्होंने कहा कि क्यों राम भाई! मैंने मिसरा कुछ गलत कह दिया क्या?, बिस्मिल ने जबाब दिया कि नहीं मेरे कृष्ण कन्हैया, यह बात नहीं, मैं जिगर साहब की बहुत इज्जत करता हूं मगर उन्होंने गालिब की पुरानी जमीन पर घिसा पिटा शेर कहकर कौन-सा बड़ा तीर मार लिया, कोई नई रंगत देते तो मैं भी इरशाद कहता।

'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है'

'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है'

जिस पर अशफाक ने चुनौती भरे अंदाज में कहा, 'तो राम भाई! अब आप ही इसमें गिरह लगाइये, मैं मान जाऊंगा आपकी सोच जिगर और मिर्जा गालिब से भी अव्वल दर्जे की है, जिस पर बिना कुछ बोले राम प्रसाद बिस्मिल' ने कहा कि सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है?

अशफाक ने लगाया गले

यह सुनते ही अशफाक भावविभोर हो गये और बिस्मिल को गले लगा लिया, फिर बोले - "राम भाई! मान गये; आप तो उस्तादों के भी उस्ताद हैं।

बिस्मिल से जुड़ी रोचक बातें

बिस्मिल से जुड़ी रोचक बातें

  • राम प्रसाद बिस्मिल तीन नामों राम, अज्ञात और बिस्मिल के नाम से किताबें लिखा करते थे लेकिन बिस्मिल नाम ही सबसे ज्यादा चर्चा में रहा।
  • बिस्मिल को सबसे ज्यादा प्रेरणा स्वामी दयानंद सरस्वती की किताब सत्यार्थ प्रकाश से मिली।
  • फांसी के बाद बिस्मिल के शव को राप्त‍ि नदी के किनारे ले जाया गया, वहीं पर उनका अंतिम संस्कार हुआ, बाद में उस जगह को राजघाट का नाम दिया गया।
  • शाहजहांपुर से करीब 11 किलोमीटर आगे एक रेलवे स्टेशन है जिसका नाम 'पं. राम प्रसाद बिस्मिल रेलवे स्टेशन' है।

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English summary
Ram Prasad Bismil holds was an Indian revolutionary who participated in Mainpuri conspiracy of 1918, the Kakori conspiracy of 1925, and struggled against British imperialism. here is some interesting facts about him.
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