अयोध्या में राममंदिर भूमिपूजन के दिन रामलला को पहनाई जाएगी हरे रंग की पोशाक, जानिए क्यों
अयोध्या में राममंदिर भूमिपूजन के दिन रामलला को पहनाई जाएगी हरे रंग के पोशाक,जानिए क्यों
अयोध्या। भगवान राम की अयोध्या नगरी सजधज का तैयार है। हर कोई 5 अगस्त को आयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आयोजित भूमि पूजन को लेकर उत्साहित है। वहीं कुछ लोग भूमि पूजन से संबंधित तैयारियों को लेकर मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे है। पहले जहां भूमिपूजन के मुहूर्त पर सवाल उठाए जा रहे थे तो अब रामलला को इस खास मौके पर पहनाई जाने वाली पोशाक के रंग को लेकर सवाल उठा रहे हैं। जिस पर श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जवाब देकर साफ किया कि रामलला के परिधान का रंग हरा क्यों ?
इसका प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्र और श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से कोई रिश्ता-नाता नहीं
अयोध्या श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि इस विशेष अवसर पर भगवान राम हरे रंग की पोशाक पहनेंगे इस पर भी विवाद हो रहा है इसका प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री अथवा श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से कोई रिश्ता-नाता नहीं है। महासचिव चंपत राय ने बताया कि कुछ लोग रामलला के हरे वस्त्र पहनने पर भी सवाल उठाए हैं।
जानें मंदिर ट्रस्ट ने क्या दिया जवाब
चंपत राय ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि ये तो यहां की परंपरा है और परंपरा सदियों से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी बाते उठाना बौद्धिक दिवालियापन है। उन्होंने सवाल किया ये पेड़ों की हरियाली क्या इस्लाम है? हरी साग-सब्जी क्या इस्लामिक खाना है? ये तो भारत और दुनिया की समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है। इसे आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए। महासचिव चंपत राय ने कहा कि पुजारी तय करते हैं कि भगवान राम के लिए किस दिन, किस रंग के कपड़े होंगे। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। हरा रंग समृद्धि का प्रतीक है, हरियाली का, खुशहाली का प्रतीक है।
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इस विशेष दिन पहनाई जाती है हरे वस्त्र
मालूम हो कि भूमि पूजन के दिन बुधवार पड़ रहा है और इस दिन का रंग हरा ही होता है और वर्षो से रामलला को दिन के रंगों के अनुसार ही उसी रंग के परिधान पहनाए जाते हैं। इसी लिस चंपत राय ने बताया कि ये वर्षों पुरानी परंपरा है और रामलला किसी रंग के वस्त्र पहनेगे ये मंदिर के पुजारी ही निर्धारित करते हैं।
नवरत्न जड़ित वस्त्रों को पहनाया जाएगा
बता दें भूमि पूजन के दिन रामलला को हरे और केसरिया रंग के नवरत्न जड़ित वस्त्रों को पहनाया जाएगा। वहीं राम जन्म भूमि पर विराजमान रामलला के लिए हर दिन अलग-अलग रंग का पोशाक बनाया गया है, जिसे उन्हें दिन के हिसाब से धारण कराया जाएगा। 5 अगस्त को भूमि पूजन के दिन रामलला के दो वस्त्र तैयार किए गए हैं। पहला नौ रत्नों से जड़ा हुआ है। जिसमें एक हरा वस्त्र और दूसरा केसरिया रंग का वस्त्र तैयार किया गया है। यानी इतिहास में ऐसा पहला मौका होगा जब रामलला एक दिन में दो वस्त्रों को धारण करेंगे। भगवान राम के लिए पोशाक तैयार करने वाले दर्जी भगवत प्रसाद ने बताया कि पंडित कल्कि राम ने पोशाक के लिए ऑर्डर दिया था।
मंदिर के आकार में परिवर्तन को ट्रस्ट ने दिया ये जवाब
चंपत राय ने आगे ये भी कहा कि समाज ने खुले दिन से मंदिर निर्माण में योगदान किया है। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए पटना के महावीर मंदिर से आचार्य किशोर कुणाल ने दो करोड़ रुपये और एक-एक फीट के ठोस चांदी से निर्मित नाग-नागिन का जोड़ा भेजा है। बता दें कुछ लोगों द्वारा मंदिर के आकार में परिवर्तन पर भी सवाल उठाए है जब जमीन बढ़ी तो आकार भी बढ़ा लेकिन नक्शा वही होगा। जिस पर चंपत राय ने बताया कि प्राधिकरण से मंदिर का नक्शा पास कराया जाएगा इसके लिए लगभग दो करोड़ रुपये शुल्क का भुगतान किया जाएगा।
पीएम मोदी डाकटिकट भी अनारण करेंगे
चंपत राय ने कहा कि अस्थाई मंदिर में रामलला की पूजा के अलावा इस अवसर पर शिलापट्ट का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अनावरण करेंगे। इस अवसर पर मंदिर के नए मॉडल का पांच रुपये का डाक टिकट का भी अनावरण होगा। इसके आलवा पीएम मोदी हनुमानगढ़ी में पारिजात के पौधे का रोपण करेंगे। चंपक राय ने बताया कि ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और मुख्य यजमान अशोक सिंघल के भतीजे सलिल सिंघल मौजूद रहेंगे।
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