BJP के रहते हुए इमरजेंसी कभी वापस नहीं आएगा, लोकतंत्र पर कोई खतरा नहीं: राम माधव
नई दिल्ली। आपातकाल के दंश की जानकारी देने के लिए मंगलवार को दिल्ली भाजपा युवा संवाद रैली का आयोजन किया। इस वर्चुअल रैली को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने वाले राष्ट्रवादी आजादी का मूल्य समझते हैं, इसलिए आपातकाल का वह काला अध्याय अब दोहराया नहीं जा सकता है। आज देश सुरक्षित हाथों में है और लोकतंत्र को कोई खतरा नहीं है।
उन्होंने कहा कि कई बुद्धिजीवी और नेता कह रहे हैं कि देश में 'लघु आपातकाल' जैसी स्थिति है, दरअसल ये वही लोग हैं जिनके दादा-दादी 1975 में आपातकाल लगाने के लिए जिम्मेदार थे। भाजपा नेता ने किसी का नाम लिये बगैर कहा,'' आपकी दादी ने आपातकाल लगाया। आपको पता नहीं होगा क्योंकि तब आप पांच-छह साल के रहे होंगे।'' उन्होंने कहा कि आरएसएस और जनसंघ समेत राष्ट्रवादी शक्तियों ने आपातकाल में नृशंस अत्याचार झेलते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जबर्दस्त विरोध किया।
आज तो कितनी आजादी है, विपक्ष में बैठकर झूठ बोलो गाली दो आपका चल रहा है। इस देश में आज कहां इमरजेंसी है। आज ये आजादी का आनंद इसलिए ले पा रहे हैं क्योंकि उस समय हमने तानाशाही के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी: भाजपा नेता राम माधव https://t.co/wMyNy8mRsd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 30, 2020
माधव ने कहा, '' आपातकाल इंदिरा गांधी की सत्तालोलुपता की वजह से लगाया गया और उस दौरान बहुत अत्याचार एवं दमन किया गया, प्रेस पर पाबंदी लगा दी गयी और मौलिक अधिकार कुचल दिये गये।'' उन्होंने कहा, '' जब तक भाजपा है, लोकतंत्र को कोई खतरा नहीं है, आपातकाल कभी नहीं लौटेगा।'' राम माधव ने कहा कि आपातकाल के दौरान 1.30 लाख लोगों को जेल में डाल दिया गया था। देश को भ्रमित करने वालों को बताना चाहिए कि आज कितने लोग जेल में हैं? किस पार्टी के नेता को जेल में डाला गया है? उन्होंने कहा कि उस समय देश की सभी व्यवस्थाओं पर अंकुश लगा दिया गया था।
तुषार मेहता तीन साल के लिए फिर बनाए गए सॉलिसिटर जनरल, कैबिनेट समिति ने लगाई मुहर
मीडिया को भी आजादी नहीं थी। लोगों के मौलिक अधिकार समाप्त कर दिए गए थे। देश में भय का माहौल था। एक तरफ इंदिरा गांधी की तानाशाही और दूसरी तरफ संजय गांधी का अत्याचार था। लोगों की जबरन नसबंदी की गई। उस समय जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में राष्ट्रवादी आपातकाल के खिलाफ खड़े हुए थे। उनके संघर्ष की वजह से पिछले 45 वर्षों से देशवासी लोकतंत्र का आनंद ले रहे हैं।