गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी ने कश्मीर के लिए बनाया 'नो मर्सी' प्लान
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन टूटने के एक दिन बाद बीजेपी ने आतंकवादियों के लिए नई रणनीति की घोषणा कर दी है। बीजेपी के महासचिव राम माधव ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी आतंकियों पर किसी भी तरह का कोई 'रहम' नहीं दिखाएगी। टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, बीजेपी ने आतंकियों पर कोई 'नो मर्सी' की रणनीति की बात ऐसे वक्त में कही है जब जम्मू-कश्मीर की दो मुख्य राजनीतिक दल पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस राज्य में आतंकवाद से निपटने के लिए सरकार के 'सख्त' कदम का विरोध कर रहे हैं।
कश्मीर में सुलह ही मुख्य रास्ता है
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद महबूबा मुफ्ती ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि, 'हमने हमेशा कहा है कि जम्मू और कश्मीर में मस्कुलर सिक्यॉरिटी पॉलिसी काम नहीं करेगी, सुलह ही मुख्य रास्ता है।' वहीं अब्दुल्ला भी जम्मू-कश्मीर में केंद्र के आक्रामक नीति से चिंतित हैं।
सरकार की नीतियों की नाकामी पीडीपी और बीजेपी की संयुक्त नाकामी
एक ट्वीट के जवाब में अब्दुल्ला ने कश्मीर घाटी में पिछले एक साल में हिंसा में बढ़ोतरी का ठीकरा पीडीपी-बीजेपी की गठबंधन वाली 'मस्कुलर सरकार' पर फोड़ा था। उन्होंने लिखा था, 'सरकार की नीतियों की नाकामी पीडीपी और बीजेपी की संयुक्त नाकामी है। दोनों में से कोई भी खुद को इस आरोप से मुक्त नहीं कर सकता।'
पीडीपी ने 'घरेलू राजनीतिक मजबूरियों' के सामने घुटने टेक दिए
राम माधव ने कहा कि पीडीपी ने 'घरेलू राजनीतिक मजबूरियों' के सामने घुटने टेक दिए और 'अपने वादों पर खरे उतरने में नाकाम' रही। बीजेपी महासचिव ने रमजान में किए गए एकतरफा सीजफायर को आगे बढ़ाने की पीडीपी की मांग को भी गठबंधन टूटने के कारणों में से एक बताया। मई में केंद्र सरकार ने पवित्र रमजान माह के दौरान एकतरफा संघर्ष विराम का ऐलान किया था। माधव ने जोर देकर कहा कि बीजेपी अलगाववादी संगठन हुर्रियत समेत सभी हितधारकों से बातचीत के लिए तैयार है।