क्या है IAF के पहले राफेल का नंबर और क्यों आठ अक्टूबर को मिलेगा पहला जेट
पेरिस। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देश को फ्रांस से मिले फाइटर जेट राफेल में उड़ान भर सकते हैं। राजनाथ आठ अक्टूबर को पेरिस में होंगे। उनके साथ इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) चीफ, चीफ एयरमार्शल आरकेएस भदौरिया भी होंगे। राफेल पहले 19 सितंबर को भारत आने वाला था लेकिन बाद में इसकी तारीखों में बदलाव किया गया है। अब यह आठ अक्टूबर को आधिकारिक तौर पर आईएएफ में शामिल होगा। रक्षा सूत्रों की ओर से इस बात की पुष्टि की गई है।
87वां वायुसेना दिवस
आठ अक्टूबर को वायुसेना अपना 87वां वायुसेना दिवस मनाएगी और शायद इससे बेहतर दिन कोई और नहीं हो सकता था जब राफेल को इसका हिस्सा बनाया जाए। राफेल को लेकर काफी विवाद हुआ और साल 2019 के आम चुनावों में यह एक बड़ा मुद्दा भी बना। आईएएफ सूत्रों की ओर से बताया गया है कि एक फ्रेंच पायलट फ्रंट कॉकपिट में होगा जबकि रक्षा मंत्री पीछे कॉकपिट में होंगे। पहले राफेज जेट का टेल नंबर RB-01 होगा। यह टेल नंबर आईएएफ चीफ भदौरिया को सम्मानित कते हुए राफेल को एलॉट किया गया है। आईएएफ चीफ ने करीब 60,000 करोड़ की इस डील में अहम रोल अदा किया था। डील साल 2016 में साइन हुई थी और इसके तहत 36 राफेल आईएएफ को मिलेंगे।
Recommended Video
मई 2020 में भरेंगे उड़ान
राजनाथ सिंह बोर्डयूक्स के करीब मेरिग्नैक में राफेल की डिलीवरी लेंगे। नौ अक्टूबर को वह सीनियर एयरफोर्स और डिफेंस ऑफिसर्स की टीम के साथ पेरिस जाएंगे। यहां पर उनके साथ वाइस एयरचीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल एचएस अरोड़ा भी होंगे। भारत के लिए तैयार राफेल को इसकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए खास उपकरणों से लैस किया गया है। इस फाइटर जेट्स में भारतीय पायलट के एक ग्रुप को पहले ही ट्रेनिंग दी जा चुकी है। अब मई 2020 में तीन बैच में 24 पायलट्स को फिर से ट्रेनिंग दी जाएगी।
पाक और चीन के करीब
राफेल की पहली कॉम्बेट यूनिट वही गोल्डन एरो स्क्वाड्रन होगी जिसे सन् 1999 में कारगिल की जंग के समय आईएएफ के पूर्व चीफ एयर मार्शल बीएस धनोआ ने कमांड किया था।वहीं इस एयरक्राफ्ट की दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में होगी । यहां पर राफेल की स्क्वाड्रन को चीन से सटे बॉर्डर को ध्यान में रखते हुए रखा जाएगा। आईएएफ की 17 स्क्वाड्रन ने कारगिल की जंग के समय मिग-21 को ऑपरेट किया था और इसके पास उस समय की नंबर प्लेट भी है।
पहली यूनिट पाकिस्तान के करीब
आईएएफ की योजना राफेल की एक स्क्वाड्रन को उत्तर प्रदेश के सारस्वत एयरबेस पर तैनात करने की भी थी लेकिन जमीन के अधिग्रहण से जुड़े कुछ मुद्दों की वजह से ऐसा नहीं हो सका। हरियाणा का अंबाला एयरबेस काफी अहम है। यह एयरबेस जगुआर एयरक्राफ्ट स्क्वाड्रन का बेस है और इस पर पाकिस्तान को प्रतिक्रिया देने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। युद्ध की स्थिति में इस एयरबेस से सबसे पहले जेट टेक ऑफ करेंगे।