राकेश टिकैत बोले- सरकार जितना जल्दी हमारी मांगों पर फैसला ले उतना अच्छा है नहीं तो...
नई दिल्ली, 27 नवंबर: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने की मांग की है। साथ ही लखीमपुर मामला और दूसरे मुद्दों पर बातचीत के दरवाजे खोलने को कहा है। शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद उन्होंने ये बातें कहीं। टिकैत ने साफ किया कि बिना शर्तों को मनवाए किसान धरना खत्म नहीं करेंगे।
राकेश टिकैत ने कहा, सरकार ने अभी तक किसानों की मौत, लखीमपुर खीरी की घटना, एमएसपी और किसानों हुए मुकदमें की वापसी को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है। हमारी प्राथमिकता है कि एमएसपी पर कानून बने, हम सरकार से कहना चाहते हैं कि एमएसपी पर हमें कानून बनाकर दें। सरकार एमएसपी और किसान मोर्चा की दूसरी मांगों पर जितना जल्दी फैसला ले उतना अच्छा है नहीं तो हमारे आंदोलन बदस्तूर जारी रहेंगे।
29 तारीख का कार्यक्रम वापस लिया गया
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राकेश टिकैत ने बताया है कि संयुक्त किसान मोर्चा की आज हुई बैठक में 29 तारीख के प्रस्तावित कार्यक्रम को स्थगित करने का फैसला लिया गया है। अब 4 तारीख को संयुक्त किसान मोर्चा की फिर से बैठक होगी और उसमें हम आगे का कार्यक्रम तय करेंगे। तब तक सरकार ने मांगों पर कोई जवाब नहीं दिया और बातचीत शुरू नहीं की तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।
दूसरे किसान नेता क्या बोले
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा, संयुक्त किसान मोर्चा ने 29 नवंबर को संसद में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को स्थगित करने का फैसला किया है। पीएम नरेंद्र मोदी को राज्य सरकारों और रेलवे को विरोध के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का निर्देश देना चाहिए।
किसान नेता राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि संसद कूच करने का कार्यक्रम स्थगित किया गया है ये रद्द नहीं हुआ है, इस पर 4 तारीख को फैसला लेंगे। सरकार को किसानों के सारे मुद्दों पर संयुक्त किसान मोर्चा से बात करना होगा और बिना एमएसपी के हमारा मोर्चा वापस नहीं होगा। हम सरकार की आज की घोषणाओं से सहमत नहीं है। बैठक में, हमने तब तक विरोध जारी रखने का फैसला किया है जब तक सरकार एमएसपी, विरोध के दौरान किसानों की मौत और लखीमपुर हिंसा मामले पर हमारे साथ बातचीत नहीं करती है।
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