पीएम, सीएम और मंत्रियों के चुनाव प्रचार करने पर लगे रोक- राज्यसभा सांसद
नई दिल्ली। राज्यसभा सदस्य ने चुनाव में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को प्रचार करने की रोक लगाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि छोटे राजनीतिक दलों के हितों की रक्षा के लिए पीएम और सीएम को प्रचार करने से प्रतिबंधित कर देना चाहिए। राज्यसभा सांसद बिस्वजीत दैमरी ने चुनाव आयोग से इस बाबत अपील की है कि हर राजनीतिक दल को चुनाव में बेहतर दावेदारी मिलनी चाहिए।
छोटे दलों को मिलेगा बराबर का मौका
बिस्वजीत बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के राज्यसभा सांसद हैं। उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल को चुनावी प्रक्रिया में बराबर की भागीदारी तभी मिल सकती है कि जब प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री को चुनाव में प्रचार करने से रोक देना चाहिए। जिस तरह से सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं हो सकते हैं, ठीक उसी तरह से इन लोगों को चुनाव प्रचार करने से रोकना चाहिए।
सरकारी कर्मचारियों की तरह लगे पाबंदी
आपको बता दें कि बीपीएफ असम में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी दल है। बिस्वजीत ने कहा कि पीएम, सीएम और मंत्री लोगों की सेवा सरकारी कर्मचारी की तरह करते हैं, चूंकि सरकारी कर्मचारी चुनाव में प्रचार नहीं कर सकते हैं, लिहाजा यही नियम इन लोगों पर भी लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन लोगों के पास पद होने की वजह से तमाम विभाग और अधिकारियों पर दबाव रहता है, ऐसे में छोटे दलों के लिए चुनाव में बराबरी कर पाना मुश्किल हो जाता है।
पैसे और ताकत का करते हैं इस्तेमाल
राज्यसभा सांसद ने कहा कि ये बड़े नेता प्रचार में काफी पैसा खर्च करते हैं, छोटे दलों और उम्मीदवारों को चुनाव से बाहर करने के लिए ये लोग पैसे और अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हैं। इससे पहले बिस्वजीत ने कहा था कि असम कभी भी इस्लाम से अछूता नहीं रहा है, किसी को भी इस बात से समस्या नहीं होनी चाहिए अगर कोई मुस्लिम प्रदेश का मुख्यमंत्री बनता है।
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