सभापति नायडू ने हंगामे पर जताई नाराजगी, कहा- 'मैं भी खुश नहीं हूं, सांसदों को सस्पेंड...'
सभापति नायडू ने हंगामे पर जताई नाराजगी, कहा- सांसदों को सस्पेंड करके मैं भी खुश नहीं हूं।
नई दिल्ली: राज्यसभा से निलंबित आठों सांसदों ने रातभर गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) ने रविवार (20 सितंबर) को सदन में हंगामा करने और उपसभापति हरिवंश से बदसलूकी के लिए सस्पेंड किया था। इसको लेकर राज्सभा में मंगलवार (22 सितंबर) को भी हंगामा जारी है। सभापति नायडू ने हंगामे पर नाराजगी जताते हुए कहा, मैं भी सांसदों के निलंबन को लेकर खुश नहीं हूं। लेकिन उनके आचरण को लेकर कार्रवाई की गई है। हमारे मन में किसी भी सदस्य के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं है।
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आज का अखबार उठाकर देखना चाहिए: नायडू
राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू ने कहा, आप लोगों को जरा आज का अखबार उठाकर देखना चाहिए। उन सासंदों (सस्पेंड) ने मीडिया से बात में न सिर्फ अपनी हरकत को जस्टिफाई किया है बल्कि कहा कि इसमें गलत क्या था।
एम.वेंकैया नायडू ने कहा, किसी भी मुद्दे पर डिविजन मांगना आपका संवैधानिक अधिकार है लेकिन वेल में आने के बजाय आप सीट से भी ये काम किया जा सकता था। अगर आपको लगता है कि उपसभापति ने आपकी पूरी बात नहीं सुनी तो आप मेरे पास भी आ सकते हैं, लेकिन इस तरह की हरकत सदस्यों को बिल्कुल शोभा नहीं देती।
गुलाम नबी आजाद बोले- जो भी हुआ उससे कोई खुश नहीं
राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा, पिछले दो दिनों में जो सदन में हुआ मुझे नहीं लगता कि उससे कोई भी खुश है...करोड़ों लोगों को जो रिप्रेजेंट करते हैं उन्हें करोड़ों लोग देखते हैं। जो लक्ष्य है यहां आने का वो तो पूरा होना चाहिए।
गुलाम नबी आजाद ने कहा, जब तक हमारे सांसदों के संस्पेंशन को वापिस नहीं लिया जाता और किसान के बिलों से संबंधित हमारी मांगों को नहीं माना जाता विपक्ष सत्र से बायकॉट करती है।
उप सभापति हरिवंश रखेंगे एक दिन का उवास
राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश 20 सितंबर को कृषि विधेयकों के पारित होने के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा किए गए अनियंत्रित व्यवहार के खिलाफ 24 घंटों के लिए उपवास रखेंगे। उन्हों पत्र लिखकर इस बात का ऐलान किया है।