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15 साल में पहली बार राज्यसभा में बना शानदार रिकॉर्ड, जीरो ऑवर में पूछे गए सभी सवाल

संसद के दोनों सदनों में ज्यादा मुखर सांसद ही शोरगुल की वजह से अपनी बात रख पाते हैं, मगर सदन चलाने में नियमों को लेकर नायडू की सख्ती के कारण प्रश्नकाल में 15 साल में पहली बार सभी 15 तारांकित सवालों को निपटाने में कामयाबी मिली

By Vikashraj Tiwari
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Rajya Sabha में Venkaiah Naidu की वजह से 15 साल बाद बना शानदार record । वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत भले ही हंगामे से हुई हो लेकिन मंगलवार को राज्यसभा ने कामकाज निपटाने का रिकार्ड बना डाला। लंबे समय के बाद यह मौका आया जब प्रश्नकाल में सांसदों के सभी तारांकित सवालों को निपटाया गया। शून्यकाल में डेढ़ दर्जन सांसदों को अपने मुद्दे उठाने से लेकर बात कहने का मौका मिला। सभापति वेंकैया नायडू की सदन संचालन में नियमों के हिसाब से दिखाई गई सख्ती की वजह से कामकाज का यह रिकार्ड बना है।

सभी 15 तारांकित सवालों को निपटाने में कामयाबी मिली

सभी 15 तारांकित सवालों को निपटाने में कामयाबी मिली

संसद के दोनों सदनों में ज्यादा मुखर सांसद ही शोरगुल की वजह से अपनी बात रख पाते हैं, मगर सदन चलाने में नियमों को लेकर नायडू की सख्ती के कारण प्रश्नकाल में 15 साल में पहली बार सभी 15 तारांकित सवालों को निपटाने में कामयाबी मिली। पिछली बार 2002 में राज्यसभा के 197वें सत्र के दौरान यह मौका आया था जब सभी मौखिक सवालों के जवाब दिए गए थे। हालांकि मंगलवार को उच्च सदन में तारांकित सवालों के निपटने की एक वजह आधे सांसदों की सदन में गैरमौजूदगी रही। जिन 20 सांसदों के नाम तारांकित सवालों से जुड़े थे उनमें 10 प्रश्नकाल के दौरान अनुपस्थित थे। सभापति ने कई सदस्यों को मंत्रियों से कुछ अनुपूरक सवाल पूछने का मौका भी दिया। एक घंटे के प्रश्नकाल का अंत अक्सर मंत्री के आधे जवाब या सांसद के सवाल पूछने के बीच ही होता है, लेकिन मंगलवार को सारे सवाल-जवाब हुए और नायडू ने कहा कि प्रश्नकाल अब पूरा हुआ।

 तारांकित प्रश्न पूछने वाले आधा दर्जन से ज्यादा सांसदों की अनुपस्थिति

तारांकित प्रश्न पूछने वाले आधा दर्जन से ज्यादा सांसदों की अनुपस्थिति

वहीं प्रश्नकाल शुरू होने पर तारांकित प्रश्न पूछने वाले आधा दर्जन से ज्यादा सांसदों की अनुपस्थिति पर सभापति ने आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि इस अनुपस्थिति पर वे कोई सवाल नहीं खड़ा कर रहे। लेकिन यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि सांसद के सवाल का जवाब तैयार करने में संसाधन और समय दोनों लगता है। ऐसे में सवाल पूछकर अनुपस्थित रहना अच्छा संदेश नहीं देता। प्रश्नकाल खत्म होने पर जब कई सदस्यों ने नायडू को एजेंडा पूरा कराने की बधाई दी तो सभापति ने भी इसका श्रेय सांसदों को दिया। उन्होंने कहा कि सांसदों के सहयोग की वजह से ही प्रश्नकाल और शून्यकाल में कामकाज निपटाने का रिकार्ड बना है।

11 सदस्यों ने सदन में जनहित से लेकर सरकार की नीतियों से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात रखी

11 सदस्यों ने सदन में जनहित से लेकर सरकार की नीतियों से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात रखी

राज्यसभा में शून्यकाल में भी नोटिस देकर अपने मुद्दे उठाने वाले सभी सांसदों को बोलने का मौका मिला। 11 सदस्यों ने सदन में जनहित से लेकर सरकार की नीतियों से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात रखी, जबकि आठ सांसदों ने विशेष उल्लेख के अपने लिखित मामले को पढ़कर उठाया। अमूमन विशेष उल्लेख के जरिये उठाए जाने वाले मसलों को लिखित रूप से ही सदन के पटल पर रख दिया जाता है। मगर वेंकैया नायडू ने इसे उठाने पर जोर दिया।

क्या होता है शून्यकाल?

क्या होता है शून्यकाल?

संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में प्रश्नकाल के ठीक बाद का 1 घंटा जीरो ऑवर होता है। 12 बजे के बाद शुरू होने पर इसे शून्यकाल नाम दिया गया है। इस दौरान वे सभी मुद्दे उठाए जा सकते हैं जिनकी औपचारिक सूचना पहले से न हो।

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English summary
Rajya Sabha takes up all starred questions, a first in 15 years,completes entire Zero Hour agenda
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