जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक संशोधन विधेयक राज्यसभा में पास, अब कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं होगा ट्रस्टी
नई दिल्ली। जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक से संबंधित एक संशोधन विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया जिसे मंगलवार को पास कर दिया गया है। संशोधन में जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक के न्यासी (ट्रस्टी) के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष को हटाए जाने की बात कही गई थी जिसे राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है। बता दें कि यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित किया जा चुका है। विधेयक पारित होने के बाद न्यासी के रूप में कांग्रेस के अध्यक्ष को हटाकर अब लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष को न्यासी बनाया जाएगा।
बता दें कि, संशोधन विधेयक के मसौदा कानून में ऐसा प्रावधान था कि अगर विपक्ष का कोई नेता नहीं है तो ऐसे में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता को ट्रस्टी बनाया जाएगा। 12 अप्रैल 1919 में अमृतसर में निहत्थे लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस नरसंहार के इस वर्ष 100 साल पूरे होने के बाद यह कदम उठाया गया था। इससे पहले इस विधेयक को 16वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में पारित किया गया था।
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भाजपा
नेता
ने
साधा
निशाना
राज्यसभा
में
जलियांवाला
बाग
राष्ट्रीय
स्मारक
विधेयक
पारित
होने
के
बाद
भाजपा
नेता
सुधांशु
त्रिवेदी
ने
इसका
स्वागत
किया
है।
उन्होंने
कहा
कि,
जलियांवाला
बाग
में
हजारों
लोगों
ने
अपने
जीवन
का
बलिदान
दिया
है।
भविष्य
में
हमें
यह
कभी
नहीं
कहना
चाहिए
कि
खून
की
एक
बूंद
बहाए
बिना
ही
हमें
आजादी
मिली
है।
सुधांशु
ने
आगे
कहा
कि,
स्वतंत्रता
संग्राम
तब
शुरू
हुआ
जब
हजारों
लोगों
ने
गोलियों
का
सामना
किया
और
अपना
खून
बहाया
इसलिए
अपने
बच्चों
को
यह
कभी
ना
सीखाएं
कि
हमें
आजादी
बिना
'खड़ग,
धाल'
के
प्राप्त
की
है।