संसद में फिर लटका तीन तलाक बिल, बोली कांग्रेस- रबर स्टांप नहीं है राज्यसभा
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के 12वें दिन सोमवार को राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा होनी थी लेकिन हंगामे की वजह से यह विधेयक सदन में पेश ही नहीं किया जा सका। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग पर अड़ गए जिसके बाद हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही 2 जनवरी तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा में बीते सप्ताह वोटिंग के बाद यह विधेयक पारित हो चुका है लेकिन मोदी सरकार के सामने राज्यसभा से इसे पास कराने की चुनौती अब भी बनी हुई है।
तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने की विपक्ष की मांग पर सरकार ने आरोप लगाया कि विपक्ष मुस्लिम महिलाओं के अधिकार से जुड़े इस विधेयक को जानबूझकर लटकाना चाहता है। संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि जो कांग्रेस पहले इस विधेयक का समर्थन कर चुकी है वह भी आज इस टालने के लिए विरोध में खड़ी हो गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के अपने-अपने रुख पर कायम रहने के कारण इस पर चर्चा नहीं हो सकी और हंगामे के कारण कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब ढाई बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने आरोप लगाया है कि विपक्ष इस विधेयक पर राजनीति कर रहा है। शर्मा ने कहा कि इस मामले में राजनीति सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा रबर स्टांप नहीं है और इस विधेयक पर संसदीय समिति द्वारा विचार किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पूरे विपक्ष की मांग है कि यह विधेयक सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए। सदन में शोर के बीच ही कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह मामला इंसानियत और मानवता का है। सरकार इस विधेयक पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भी तीन तलाक की घटनाएं हो रही हैं और कल तक ऐसी घटनाएं हुई हैं। उच्चतम न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) को असंवैधानिक और गैर कानूनी घोषित किया था।