पेटीएम के जरिए लोगों का पर्सनल डेटा चुरा सकता है चीन, सुरक्षा को बड़ा खतरा: सांसद नरेंद्र जाधव
नई दिल्ली। राज्यसभा में मनोनीत सांसद नरेंद्र जाधव ने पेटीएम के बारे में बड़ा दावा किया है। जाधव का कहना है कि पेटीएम से हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा है क्योंकि इसमे चीन की बड़ी कंपनी अलीबाबा का शेयर है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी सीधे तौर पर इस तरह की बड़ी कंपनियों के कामकाज में हस्तक्षेप करती है। ऐसे में जिस तरह से अलीबाबा ने पेटीएम में एक बड़ा निवेश किया है कि जिसके बाद कंपनी ने नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है। अगर पेटीएम को यह लाइसेंस मिल जाता है तो यह भारत में कई ऐसे आर्थिक संस्थान खोलेगी जिसे सीधे तौर पर चीन प्रभावित करेगा।
चौपट हो सकती है अर्थव्यवस्था
जाधव का कहना है कि चीन पेटीएम के द्वारा लोगों की व्यक्तिगत जानकारी को हासिल कर सकता है, वह करोड़ो भारतीय और कंपनियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकेगा। इसका सीधा मतलब यह है कि यह भारत के आर्थिक क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। चीन के पास काफी ज्यादा पैसा है, वह भारत में अपने उत्पाद को बेहद कम दाम में डंप कर सकता है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंच सकता है।
अमेरिका का दिया उदाहरण
आपको बता दें कि पेटीएम को लेकर जाधव ने राज्यसभा में अपनी चिंता जाहिर करते हुए शून्य काल में सदन का ध्यान खींचा था और इसपर सवाल उठाया था। जाधव का कहना है कि क्या भारत एनबीएफसी पर नियंत्रण कर सकता है, नहीं, यही वजह है कि पेटीएम भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। यही वजह है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में चीन के मोबाइल को प्रतिबंधित करना चाहते हैं, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है।
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ये शर्तें लागू होनी चाहिए
जाधव का कहना है कि मौजूदा समय में प्राइवेट बैंक लाइसेंस कुछ शर्तों पर दिया जा रहा है, जैसे कि अगर आप निजी बैंक शुरू करना चाहते हैं तो आपके पास कम से कम कंपनी 26 फीसदी मालिकाना हक होना चाहिए, यह मालिकाना हक भारतीय नागरिक का होना चाहिए, कोई भी विदेशी निवेशक 10 फीसदी से अधिक निवेश नहीं कर सकता है। मैंने यह सुझाव दिया है कि यही शर्तें एनबीएफसी में भी लागू की जानी चाहिए। खुद जाधव ने इस बाबत कॉलिंग अटेंशन मोशन राज्य सभा में पेश किया है, ऐसे में अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो इसपर फैसला लिया जा सकता है।
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