मोदी सरकार ने पहली बार माना आर्थिक वृद्धि में आई कमी, लेकिन देश में रिशेसन जैसे हालात नहीं
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि अगर आप अर्थव्यवस्था की समझ रखते हैं तो देख सकते हैं कि आर्थिक वृद्धि में कमी आई है लेकिन इससे देश में मंदी जैसे हालात नहीं हैं। वित्त मंत्री ने यूपीए सरकार से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर की तुलना करते हुए कहा कि वर्ष 2009-2014 के अंत में भारत की वास्तविक जीडीपी की वृद्धि दर 6.4% थी, जबकि 2014-2019 के बीच यह 7.5% पर रही।
राज्यसभा में विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आप देश के हालात को समझदारी से देख रहे हैं तो देख सकते हैं कि मंदी कहीं नहीं है। विकास में कमी जरूर आई है लेकिन इसे मंदी नहीं कहा जा सकता। बता दें, निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के जीडीपी वृद्धि कमी और बेरोजगारी बढ़ने के आरोपों का आज राज्यसभा में जवाब दिया।
अर्थव्यवस्था में नकदी की कमी होने के आरोपों को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि लोन मेले में बैंकों ने 2.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज दिए हैं इसके अलावा बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपय की पूंजी दी गई जिससे अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ी है। वित्त मंत्री निर्मला सितारमण के मुताबिक जीडीपी ग्रोथ में गिरावट की वजह बैंको में दोहरी बैलेंस शीट की समस्या है जिसकी वजह से दो वित्त वर्षों में रफ्तार घटी है। उधर, कांग्रेस वित्त मंत्री के बयान से असंतुष्ट दिखाई दी और सितारमण के जवाब के बाद सदन से वॉकआउट कर दिया।
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