हार के बाद क्या टूट जाएगी सपा-बसपा की जोड़ी, सतीश मिश्रा ने दिया बड़ा बयान
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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए राज्यसभा चुनावों नें भाजपा ने 10 में से 9 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं सपा एक सीट पर कब्जा जमाने में कामयाब हुई, लेकिन बसपा को हार का मुंह देखने पड़ा। भाजपा ने गोरखपुर और फूलपुर में मिली हार का बदला बसपा और सपा से ले लिया। इन दोनों लोकसभा सीटों पर सपा ने बसपा की मदद से जीत हासिल की थी। अखिलेश इस जीत का एहसान बसपा के एक उम्मीदवार को राज्यसभा पहुंचाकर चुकाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने बसपा उम्मीदवार को जीताने के लिए जी-जान लगा दी थी। इसके बाद भी बसपा का प्रत्याशी हार गया। इस हार के बाद बसपा और सपा के गठबंधन को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
उनको समाजवादी पार्टी से कोई शिकायत नहीं है
बसपा-सपा के बीच हाल ही हुई गठबंधन के बाद इस हार पर बोलते हुए मायावती के सबसे विश्वासपात्र राज्यसभा सांसद सतीश मिश्रा ने कहा कि, उनको समाजवादी पार्टी से कोई शिकायत नहीं है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के समर्थन में कोई कमी नहीं थी। उन्होंने अपने वोट हमें दिलवाए थे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार ने पैसे का इस्तेमाल किया और विधायकों को धमकाया भी है सिर्फ इस बात के लिए कि दलित को हराना चाहते थे।
हमारे दो विधायकों को पुलिस के दम पर अगवा किया गया
इतना ही नहीं मिश्रा ने आरोप लगाए कि, भाजपा ने हमारे दो विधायकों को पुलिस के दम पर अगवा कर लिया था। सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी को साजिश के तहत वोट डालने से रोका गया। कल मुख्तार अंसारी को वोट डालने के लिए कोर्ट ने इजाजत दे दी थी, लेकिन उनको जेल में डालकर वोट नहीं डालने दिया गया। हम चुनाव आयोग के कहने पर कोर्ट गए। कोर्ट ने अंसारी को वोट डालने की इजाजत दे दी थी। राज्य सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया।
भाजपा को अंबेडकर नाम से चिढ़ है
मिश्रा ने कहा कि, भाजपा को अंबेडकर नाम से चिढ़ है। इसी कारण भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा में जाने से रोकने के लिए यह लोग हर स्तर पर उतर गए। भाजपा ने धनबल का प्रयोग करके छल से बसपा उम्मीदवार को राज्यसभा में जाने से रोका है। लोकतांत्रिक परंपरा पर हमला है। प्रदेश की जनता भाजपा को इस गुनाह के लिए सबक सिखाएगी।
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