राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज, पल-पल बदल रहे गणित में किसका पलड़ा भारी?
नई दिल्ली। राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव 9 अगस्त को होना है। एनडीए ने अपना उम्मीदावर जेडीयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश सिंह को बनाया है। जबकि विपक्ष की तरफ से एनसीपी की वंदना चव्हाण के नाम को लेकर चर्चा थी, लेकिन अब कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद के नाम को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। जबकि राज्यसभा में दोनों ही पक्षों में से किसी के पास बहुमत के लिए जरूरी 123 सदस्य नहीं हैं जिसके कारण ये मुकाबला काफी रोचक होता दिखाई दे रहा है।
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किसी के पास नहीं है बहुमत
कांग्रेस उपराष्ट्रपति चुनाव में मात खाने के बाद कम से कम उपसभापति की सीट अपने खेमे में रखने की कोशिश करेगी। वहीं, बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की कोशिश है कि 5 साल के कार्यकाल के आखिरी चरण में उपसभापति उनके खेमे का नेता हो जो सदन में उनके लिए काफी मददगार साबित होगा। जून में पीजे कुरियन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद खाली हुए पद को लेकर अब जंग तेज होती दिखाई दे रही है। राज्यसभा में 244 सदस्यों के बीच बहुमत के लिए 123 की संख्या चाहिए जिसके लिए कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष और बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए अपनी-अपनी ताकत आजमाती दिखाई दे रही हैं। इस चुनाव के लिए 8 अगस्त को दोपहर तक नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं।
बीके हरिप्रसाद हो सकते हैं विपक्ष के उम्मीदवार
खबरों के मुताबिक, एनडीए की तरफ से बुधवार को जेडीयू सांसद हरिवंश सिंह अपना नामांकन दाखिल करेंगे। वह इससे पहले हिंदी अखबार प्रभात खबर के संपादक रह चुके हैं और अप्रैल, 2014 में राज्यसभा के लिए बिहार से चुने गए थे। उनका कार्यकाल अप्रैल, 2020 में पूरा होगा। वहीं, विपक्ष की तरफ से अब बीके हरिप्रसाद को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं और एकबार फिर कांग्रेस नेता का नाम सामने आ रहा है। वहीं, सूत्रों के अनुसार, विपक्ष का दावा है कि एनडीए के कुछ सहयोगियों का साथ भी विपक्ष के उम्मीदवार को मिलेगा। हाल के दिनों में शिवसेना के रवैये को देखते हुए विपक्ष को उनसे काफी उम्मीदें हैं।
बीजेडी और टीआरएस से एनडीए को उम्मीदें
सूत्रों के अनुसार, विपक्ष के पास 116 वोट हैं, जिनमें दो वाईएसआर कांग्रेस के मेंबर भी शामिल हैं। वहीं, एनडीए के 90 सदस्यों में बीजेपी के 73 सदस्य हैं। एनडीए एआईएडीएमके के 13 सदस्यों, बीजेडी के 9 और टीआरएस के 6 सदस्यों को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटा है। बीजेडी को लेकर एनडीए खेमा सकात्मक दिखाई दे रहा है तो अकाली दल की नाराजगी अभी भी उसके लिए चिंता का विषय बनी है। हालांकि टीआरएस एनडीए के पक्ष में जा सकता है जबकि गठबंधन से अलग हुई टीडीपी विपक्षी खेमे में ही दिखाई दे रही है।
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