Padmaavat: करणी सेना ने वापस लिया विरोध तो बोले लोकेंद्र सिंह कालवी- 'वो डुप्लीकेट है'
करीब दो महीने से 'पद्मावत' का विरोध कर रही करणी सेना के विरोध वापस लेने पर फिल्म का विवाद खत्म होता दिख रहा था लेकिन लोकेंद्र सिंह कालवी ने इसे झूठ बताया है। करणी सेना के संरक्षक कहे जाने वाले लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा है कि करणी सेना की डुप्लीकेट कॉपी ने फिल्म को हरी झंडी दी है।
नई दिल्ली। करीब दो महीने से 'पद्मावत' का विरोध कर रही करणी सेना के विरोध वापस लेने पर फिल्म का विवाद खत्म होता दिख रहा था लेकिन लोकेंद्र सिंह कालवी ने इसे झूठ बताया है। करणी सेना के संरक्षक कहे जाने वाले लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा है कि करणी सेना की डुप्लीकेट कॉपी ने फिल्म को हरी झंडी दी है, उनकी पार्टी अब भी फिल्म के बैन के हक में खड़ी है।
'डुप्लीकेट करणी सेना ने किया फिल्म को पास'
राजपूत करणी सेना ने शुक्रवार को संजय लीला भंसाली को पत्र लिखकर फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को वापस लेने की बात कही। इस पत्र के वायरल हो जाने पर लोकेंद्र सिंह कालवी ने साफ किया है कि ये उनकी करणी सेना नहीं है। कालवी ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि वो आज भी फिल्म को बैन करने के हक में हैं। उन्होंने कहा, 'ये बयान करणी सेना की डुप्लीकेट कॉपी ने दिया है। हम आज भी फिल्म का विरोध कर रहे हैं और इसे लेकर केंद्र सरकार से संपर्क में हैं।'
वायरल हो रहा करणी सेना का पत्र
गौरतलब है कि शुक्रवार को महाराष्ट्र की राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' देखने के बाद अपना विरोध प्रदर्शन वापस लेने की बात कही। करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेंद्र सिंह कटारा ने भंसाली को पत्र लिखकर कहा कि फिल्म में राजपूतों को सम्मान के साथ दिखाया गया है। पत्र नमें लिखा गया है, 'हम ये बताते हुए बहुत गर्व अनुभव कर रहे हैं कि फिल्म में राजपुतों की वीरता और त्याग का बहुत ही सुंदर चित्रण किया गया है।'
सेना ने कहा, 'फिल्म को रिलीज करने में मदद करेंगे'
योगेंद्र सिंह कटारा ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामाड़ी के कहने पर कुछ लोगों ने मुंबई में फिल्म देखी और पाया की फिल्म राजपूतों की वीरता दिखाती है। सेना ने जिन राज्यों में फिल्म को रिलीज नहीं होने दिया, अब वहां वो खुद इसकी रिलीज में मदद करेगी। फिल्म देखने के बाद हर राजपूत गर्व महसूस करेगा। ध्यान देने वाली बात ये है कि यही राजपूत करणी सेना पिछले दो महीने से फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थी।
दो महीने तक किया फिल्म का भारी विरोध
सिनेमाहॉल में तोड़-फोड़ से लेकर दीपिका पादुकोण का सिर काट लाने तक के बयान दिए गए थे। संजय लीला भंसाली को इस कारण अपनी फिल्म का नाम 'पद्मावती' से 'पद्मावत' करना पड़ा। भारी विरोध के चलते कई भाजपा शासित राज्यों ने फिल्म पर बैन लगा दिया था जिसके कारण मेकर्स को सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगानी पड़ी थी। संजय लीला भंसाली ने शुरू में ही कहा था कि देखे बिना फिल्म का विरोध न किया जाए लेकिन तब करणी सेना अपने विरोध पर अड़ी रही। अब आखिर में फिल्म देखने के बाद उसने अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया है।