पेरियार पर दिए बयान पर रजनीकांत ने माफी मांगने से किया इनकार
नई दिल्ली। सुपरस्टार रजनीकांत ने ईवी पेरियार को लेकर दिए अपने बयान पर माफी मांगने से इनकार कर दिया है। समाजसेवी पेरियार को लेकर दिए गए बयान की वजह से रजनीकांत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। रजनीकांत पर इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पेरियार को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। तमिल मैगजीन तुगलक की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान 14 जनवरी को रजनीकांत ने पेरियार को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद काफी विवाद हुआ था।
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मांफी
नहीं
मागूंगा
रजनीकांत
ने
कहा
कि
मैंने
जो
कहा
है
उसके
लिए
माफी
नहीं
मांग
सकता।
उस
वक्त
मीडिया
में
जो
खबरें
प्रकाशित
हुई
थी
उसी
के
आधार
पर
मैंने
यह
बयान
दिया
है
और
मैं
मीडिया
में
छपी
उन
खबरों
को
दिखा
सकता
हूं।
लिहाजा
मैं
माफी
नहीं
मागूंगा।
बता
दें
कि
रजनीकांत
के
खिलाफ
आईपीसी
की
धारा
153
ए
के
तहत
मामला
दर्ज
करने
की
मांग
की
जा
रही
है।
गौरतलब
है
कि
पेरियार
को
द्रविड
आंदोलन
का
जनक
कहा
जाता
है,
लेकिन
रजनीकांत
ने
कहा
कि
पेरियार
देवताओं
के
कट्टर
आलोचक
थे।
क्या
कहा
रजनीकांत
ने
रजनीकांत
ने
कार्यक्रम
के
दौरान
कहा
था
कि
1971
में
सलेम
में
पेरियार
ने
अंधविश्वास
के
खिलाफ
एक
रैली
की
थी,
जिसमे
भगवान
रामचंद्रमूर्ती
की
और
सीता
की
नग्न
तस्वीर
का
इस्तेमाल
किया
गया
था,
उनकी
तस्वीर
पर
माला
पहनाई
गई
थी
और
चंदन
लगाया
गया
था।
लेकिन
किसी
भी
न्यूज
एजेंसी
ने
इसे
नहीं
छापा
था।
रजनीकांत
के
इसी
बयान
की
वजह
से
उन्हें
काफी
आलोचना
का
सामना
करना
पड़
रहा
है।
यही
नहीं
उनके
खिलाफ
राजनीतिक
संगठन
ने
शिकायत
भी
दर्ज
कराई
है
लेकिन
बावजूद
इसके
अब
रजनीकांत
ने
अपने
बयान
पर
माफी
मांगने
से
इनकार
कर
दिया
है।
करुणानिधी
सरकार
हो
गई
थी
नाराज
रजनीकांत
ने
कहा
कि
सिर्फ
तुगलक
मैगजीन
के
एडिटर
चो
रामास्वामी
ने
इसे
पब्लिश
किया
था
और
इसकी
आलोचना
की
थी।
इस
खबर
की
वजह
से
तत्कालीन
एम
करुणानिधि
की
सरकार
नाराज
हो
गई
थी।
रजनीकांत
ने
कहा
कि
करुणानिधि
सरकार
ने
मैगजीन
की
इन
तमाम
प्रतियों
को
जब्त
करा
लिया
था।
लेकिन
चे
रामास्वामी
ने
एक
बार
फिर
से
इसे
छपवाया
और
इसे
जमकर
लोगों
ने
खरीदा
था।
रजनीकांत
के
इस
बयान
के
खिलाफ
डीवीके
ने
उनसे
माफी
मांगने
की
मांग
की
थी।