VIDEO: गलवान घाटी में चीन को सबक सिखाने वाले जवानों से मिले राजनाथ सिंह, बढ़ाया हौसला
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में दो दिवसीय दौरे पर जम्मू कश्मीर और लद्दाख में एलएसी पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उनके साथ सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत भी मौजूद रहे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख दौरे के दौरान उन जवानों से भी मुलाकात की जिन्होंने चीन को गलवान घाटी में सबक सिखाया था। 15 जून की रात बिहार रेजिमेंट के यही जवान गलवान में तैनात थे, जिनपर चीन के जवानों ने धोखे से हमला बोला था। राजनाथ सिंह ने सबके साहस की तारीफ की।
रविवार को रक्षामंत्री के ऑफिस की तरफ से ट्वीट किए गए वीडियो में यह देखा जा रहा है कि लद्दाख के पैंगोंग त्सो के पास लुकुंग बेस कैम्प में राजनाथ सैनिकों के साथ मिल रहे हैं। विपरीत परिस्थिति में उन सभी की बहादुरी के लिए तारीफ करते हुए वे बटालियन ऑफिसर्स और अन्य लोगों के साथ हाथ मिलाते हुए दिखाई दे रहे हैं। ये वहीं सेना के जवान हैं जिन्होंने 15 जून की गलवान हिंसा के दौरान चीनी सैनिकों का सामना किया था। जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे।
16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू पर हमले के बाद यह खूनी संघर्ष का रुप ले लिया था। गलवान सेक्टर में अब दोनों पक्ष तनाव कम करने में लगे हुए हैं। 16 बिहार रेजिमेंट के जवाब और पीएलए यूनिट को सिचुयान में जहां पर 15 जून को हिंसा हुई थी। वहां से पीछे कर दिया गया है, ताकि फिर से वैसी ही हिंसा न भड़क उठे। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच मई की शुरुआत से ही तनातनी चल रही है।
दोनों देशों के अधिकारियों ने कई बैठकें की हैं। 6 जून को इस तरह की एक बैठक के दौरान, यह निर्णय लिया गया था कि चीन श्योक और गलवान नदियों के पास बनी अपनी ऑब्जर्वेशन पोस्ट को स्थानांतरित करेगा। नियमित पेट्रोलिंग के दौरान जब 15 जून को भारतीय सैनिकों ने देखा कि उस वक्त चीनी सैनिकों के टैंट लगे हुए थे। चीन के ऑब्जर्वेशन पोस्ट पर मौजूद 10-12 सैनिकों को भारतीय गश्ती दल की तरफ से कहा गया कि वे वापस चले जाएं। चीन की तरफ से वापस जाने से मना कर दिया गया। दोनों सेनाओं में संघर्ष हुआ।
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