भारत-चीन के बीच सेना को चरणबद्ध तरीके से पीछे हटाने पर सहमति बनी: राजनाथ सिंह
नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज भारत-चीन के बीच एलएसी पर चल रहे विवाद पर संसद में बयान दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत में यह समझौता हुआ है कि दोनों ही देश अपनी सेनाओं को चरणबद्ध तरीके से पीछे हटाएंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि ईस्टर्न लद्दाख में पिछले वर्ष सितंबर माह से दोनों देशों ने सैन्य और राजनीतिक संवाद स्थापित कर रखा है। हमारा प्रयास है कि दोनों देशों के बीच एलएसी पर शांति की व्यवस्था फिर से स्थापित हो। चीन पूर्वी क्षेत्रों में भी अरुणाचल प्रदेश की सीमा में भी 90 हजार वर्ग किलोमीटर के हिस्से को अपना बताता है, लेकिन भारत ने इस अवैध कब्जे को कभी भी स्वीकार नहीं किया है। भारत ने चीन से हमेशा कहा है कि द्वीपक्षीय संबंध दोनों पक्षों के प्रयास से ही विकसित हो सकते हैं, साथ ही सीमा के प्रश्न को भी बातचीत के जरिए ही हल किया जा सकता है।
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अन्य मुद्दों पर भी करेंगे बात
राजनाथ सिंह ने कहा कि बातचीत के लिए हमारी रणनीति पीएम मोदी के दिशानिर्देश पर आधारित है कि हम अपनी एक इंच की जमीन किसी और को लेने नहीं देंगे। अभी तक सीनियर कमांडर के स्तर पर चीन के साथ 9 राउंड की बैठक हो चुकी है। राजनयिक स्तर पर भी दोनों देशों के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी है। चीन के साथ पैंन्गॉग लेक पर डिसइंगेजमेंट पर समझौता हो गया है। पूर्ण डिसइंगेजमेंट होने के 48 घंटे बाद दोनों देशों के बीच अन्य मुद्दो पर भी बात की जाएगी। जो भी निर्माण आदि दोनों देशों के द्वारा नॉर्थ और साउथ बैंक पर किया गया है उसे हटा दिया जाएगा और पुरानी स्थिति को स्थापित किया जाएगा। पेट्रोलिंग को अस्थायी रूप से स्थगित किया गया है, यह तभी शुरू की जाएगी जब दोनों देशों के बीच बातचीत के जरिए सहमति बनेगी।
हमने कुछ भी नहीं खोया है
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस बातचीत में हमने कुछ भी खोया नहीं है, अभी भी एलएसी पर पर कुछ मुद्दे बचे हुए हैं, जिनपर हमारा ध्यान आगे की बातचीत पर रहेगा। दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि पूरी तरह से डिसइंगेजमेंट किया जाएगा। हमारी यह भी अपेक्षा है कि चीन द्वारा हमारे अन्य मुद्दों को हल करने का पूरी गंभीरता से कोशिश की जाएगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि एलएसी पर शांति व्यवस्था को बनाए रखना दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए आवश्यक है। हमने स्पष्ट कर दिया है कि एलएसी पर सभी जगहों पर सेनाओं को पीछे हटाया जाए जिससे शांति व्यवस्था को स्थापित किया जाए। चीन ने सीमा के आस-पास गोला-बारूद इकट्ठा किया गया है। भारतीय सेना ने भी जरूरी साजो सामाज को इकट्ठा किया है। सामरिक दृष्ठि से कई जगहों को चिन्हित करके हमारी सेनाएं यहां मौजूद हैं। हमारी सेनाओं ने साबित करके दिखाया है कि वह भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए वो पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।