CAA पर राजनाथ सिंह का बड़ा बयान, कहा-नागरिकता जाना तो दूर, कोई छू भी नहीं सकेगा
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर से नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करते हुए मुसलमानों को इस बात का भरोसा दिया है कि उन्हें इस कानून से कतई डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वोट देना या नहीं देना आपके हाथ में है लेकिन सरकार की नीयत पर आपको शक नहीं करना चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी ऐसी जीत नहीं चाहती है जोकि नफरत के जरिए मिले। दिल्ली में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि आपसे आपकी नागरिकता कोई नहीं छीन सकता है।
नफरत से मिली जीत नहीं स्वीकार
राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं मुसलमान भाइयों को कई बार कह चुका हूं, बार-बार इस बात को दोहराता हूं कि आप हमे वोट दें या ना दें ये फैसला तो आपका करना है, लेकिन हमारे फैसले और नीयत पर प्लीज संदेह ना करें। आपकी नागरिकता को छीनना तो दूर कोई इसे उंगली से भी छू नहीं सकता है। हम ऐसी जीत कतई नहीं चाहते हैं जो नफरत के जरिए मिले। अगर हम जीत गए तो भी हमे ऐसी जीत स्वीकार्य नहीं होगी। राजनाथ सिंह ने यह बयान आदर्शनाथ में आयोजित चुनावी रैली मे दिया। उन्होंने कहा कि हम नफर के जरिए दिल्ली की सत्ता में नहीं आना चाहते हैं।
एनआरसी पर दिया था बयान
इससे पहले कर्नाटक के मंगलुरू में राजनाथ सिंह ने कहा, एनआरसी पर मैं कहना चाहता हूं क्या किसी देश को ये नहीं पता होना चाहिए कि कितने नागरिक स्वदेशी हैं, कितने विदेशी हैं? एनआरसी अगर आ भी जाता है तो इसमें क्या परेशानी है? राजनाथ सिंह ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर अपनी सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा, लोग पूछते हैं कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) का क्या होगा? भारत की संसद ने पहले ही एक प्रस्ताव पारित कर दिया है कि यह भारत का हिस्सा है। मैंने पहले भी कहा है, जम्मू और कश्मीर का काम पूरा हो गया है। अगर अब पाक के साथ बातचीत होती है, तो वे केवल पीओके पर होंगे।
मुसलमानों को कोई दिक्कत नहीं होगी
राजनाथ सिंह लगातार सीएए पर बोल रहे हैं। इससे पहले 22 जनवरी को मेरठ में उन्होंने कहा था कि भारतीय मुसलमान को कोई छू तक नहीं पाएगा। उन्होंने इस बात को नकारा कि अगर एनपीआर और एनआरसी को लाया जाता है तो मुसलमानों को दिक्कत होगी। इस कानून को अब हिन्दू मुस्लिम के नजरिए से देखा जा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री धर्म से इतर न्याय की बात करते हैं।