रजनीकांत का BJP पर आरोप, 'मुझे भगवा रंग में रंगने की कोशिश, जाल में नहीं फंसूगा'
चेन्नई: बीजेपी द्वारा तमिल कवि तिरुवल्लुवर की केसरिया रंग में फोटो जारी करने पर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। साउथ के सुपरस्टार और नेता रजनीकांत ने शुक्रवार को इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। एक्टर से नेता बने रजनीकांत ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि वो मुझे भगवा रंग में रंगने की कोशिश कर रही है, लेकिन मैं उनके जाल में नहीं फंसूगा। उन्होने कहा तमिल कवि तिरुवल्लुवर को भगवा चोला पहनाना बीजेपी का एजेंडा है। उन्होंने इसे मूखर्तापूर्ण कदम बताया।
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'बीजेपी भगवा रंग में रंगने की कर रही है कोशिश'
रजनीकांत ने कहा है कि बीजेपी मुझे भगवा रंग में रंगने की कोशिश कर रही है, ऐसा ही उन्होंने तिरुवल्लुवर (तमिल कवि) के साथ करने की कोशिश की। लेकिन तथ्य यह है कि न ही मैं और न ही तिरुवल्लुवर उनके जाल में फंसने वाले हैं। रजनीकांत का ये बयान काफी महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ दिनों से उनकी बीजेपी में जाने की चर्चा चल रही है। रजनीकांत ने कहा कि कुछ लोग और मीडिया ये बताने की कोशिश कर रही है मैं बीजेपी का आदमी हूं। ये सच नहीं है। कोई भी राजनीतिक पार्टी होगी, कोई अगर उनका साथ देगा। लेकिन फैसला लेना मेरे ऊपर है।
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'तिरुवल्लुवर को भगवा रंग देना बीजेपी का एजेंडा'
रजनीकांत ने तमिल के कवि प्रसिद्द कवि तिरुवल्लुवर की केसरिया रंग की फोटो जारी करने पर बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि तिरुवल्लुवर को भगवा रंग पहनना बीजेपी का एजेंडा है। मुझे लगता है कि इन लोगों को बेहद तूल दिया जा रहा है। ऐसे कई मुद्दे अधिक महत्वपूर्ण हैं, जिन पर चर्चा करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि ये एक मुर्खतापूर्ण मुद्दा है।
अयोध्या फैसले पर क्या बोले?
रजनीकांत ने इस महीने अयोध्या केस पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले के बारे में कहा कि मैं लोगों से अपील करता हूं कि वो शांत रहे और फैसले का सम्मान करें। कमल हासन को लेकर रजनीकांत ने कहा कि कमल हासन ने राजनीति में एंट्री की है। लेकिन वो सिनेमा को कभी नहीं भूलेंगे। वो अपनी कला को आगे बढ़ाएंगे। वहीं कमल हासन ने कहा कि हम दोनों (रजनीकांत और कमल हासन) ने फैसला किया था कि हम एक-दूसरे का सम्मान करेंगे क्योंकि हम मानते थे कि भविष्य हम दोनों के लिए अच्छा होगा। आज हम लगातार एक-दूसरे का सम्मान, आलोचना और समर्थन जारी रखते हैं।
बीजेपी ने जारी की थी केसरिया तस्वीर
गौरतलब है कि तमिलनाडु की बीजेपी इकाई ने अपने ट्विटर हैंडल पर तमिल कवि तिरुवल्लुवर की केसरिया वस्त्रों में एक फोटो ट्वीट की। इसमें तिरुवल्लुवर के माथे पर उसी तरह चंदन या राख दिखाई गई, जैसे अन्य महात्माओं के चित्रों में दिखाई जाती है। इसके एक दिन बाद सोमवार तिरुवल्लुवर की मूर्ति को तंजावुर जिले में खंडित किया गया। अराजक तत्वों ने उनके चेहरे पर स्याही पोती और गोबर फेंका। बीजेपी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि थिरुवल्लुवर के समय हिंदू धर्म के अलावा कोई अन्य धर्म नहीं था।
कौन है तिरुवल्लुवर?
तिरुवल्लुवर, तमिलनाडु के ऐसे कवि हैं, जिनके नाम, जन्म की तिथि, स्थान, परिवार और धर्म के बारे में कुछ भी पक्का नहीं है। उन्हें तमिल का कबीर भी कहा जाता है। इसी वजह से वहां की ज्यादातर पार्टियां उन्हें या उनके विचारों से खुद को आसानी से जोड़ लेती हैं। ऐसा माना जाता है कि कि तिरुवल्लुवर दो हजार साल पहले चेन्नई के मायलापुर में कहीं रहते थे। उनके विचारों से युवा खुद को आज भी जोड़ते हैं। यही वजह है कि तमिलनाडु में सभी राजनीतिक पार्टियां और तमिल कवि तिरुवल्लुवर की विरासत पर अपना अधिकार जताते हैं।
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