Rajasthan tape scandal: CBI जांच की भाजपा की मांग पर कांग्रेस का पलटवार, सच को नाकाम करने के लिए......!
नई दिल्ली- राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच भाजपा और कांग्रेस के बीच वार-पलटवार जारी है। कांग्रेस की ओर से आज उसके दोनों बड़े वकीलों अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने ट्विटर के जरिए मोर्चा संभाला है। अभिषेक मनु सिंघवी तो राजस्थान हाई कोर्ट में राजस्थान विभानसभा के स्पीकर सीपी जोशी की पैरवी भी कर रहे हैं। उन्होंने राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त के कथित टेप की सीबीआई जांच की भाजपा की ओर से हो रही जांच पर सवाल उठाया है। उनका आरोप है कि बीजेपी कि ओर से ऐसी मांग इस लिए की जा रही है ताकि आरोपियों को क्लीनचिट मिल जाए और सच को नाकाम कर दिया जाए!
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सच को नाकाम करने के लिए.....सीबीआई को सौंप दें....!
अभिषेक मनु सिंघवी ने अंग्रेजी में जो ट्वीट किया है, उसका अर्थ कुछ इस तरह से निकल रहा है, 'दल-बदल और सरकार गिराने के लिए राजस्थान के कई एमएलए समेत केंद्रीय मंत्री पर गंभीर आरोप हैं। पुलिस जांच, एफआईआर और आपराधिक जांच प्रक्रिया जारी है। आपराधिक प्रक्रिया को टालने के लिए भाजपा अपनी सुविधानुसार सीबीआई (जांच) की मांग कर रही है। केंद्रीय गृहमंत्रालय फौरन दखल दे देता है। क्लीनचिट देने और सच को नाकाम करने के लिए सीबीआई को सौंप देंगे!' गौरतलब सिंघवी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं और साथ ही साथ राजस्थान हाई कोर्ट में कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के मामले में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर से वकील भी हैं। यह याचिका बागी विधायकों के अगुआ और टोंक के विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की ओर से उस नोटिस के खिलाफ लगाई गई है, जिसमें उनपर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं शामिल होने के आरोप में कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
भ्रष्ट साधनों के वायरस के लिए वैक्सीन जरूरी- सिब्बल
उधर, इस मामले में शुरू में कांग्रेस में पैदा हो रहे हालात पर सवाल उठाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने अब भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने ट्विटर के जरिए मांग की है कि भारत में चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए अपनाए जा रहे 'भ्रष्ट साधनों के वायरस' के लिए वैक्सीन की आवश्यकता जताई है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, 'चुनी हुई सरकार को भ्रष्ट साधनों के जरिए गिराने वाला वायरस दिल्ली स्थित वुहान जैसी फैसिलिटी से फैला है। दसवीं सूची में संशोधन से ही इसकी एंटीबॉडीज विकसित की जा सकती है। ' इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी मांग की है कि, 'सभी दल-बदल करने वालों पर: 5 साल तक पब्लिक ऑफिस संभालने और अगला चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगे।' हालांकि, इस दौरान कांग्रेस उन 6 विधायकों का कोई जिक्र नहीं करती, जो बहुजन समाज पार्टी छोड़कर इसी अशोक गहलोत सरकार के दौरान कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
सदन में शक्ति प्रदर्शन करेंगे गहलोत!
इस बीच शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से राजभवन में मुलाकात कर अपने समर्थक विधायकों की सूची सौंपी। दोनों के बीच करीब 45 मिनट बातचीत हुई। माना जा रहा है कि इस दौरान सीएम ने राज्यपाल से विधानसभा का एक संक्षिप्त सत्र बुलाने का आग्रह किया, जिसमें वो अपना शक्ति प्रदर्शन कर सकें। चर्चा है कि यह विशेष सत्र बुधवार से हो सकता है।
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