Rajasthan Political Crisis: हॉर्स ट्रेडिंग में राजद्रोह का केस नहीं, FIR से हटी धारा 124 A
जयपुर। राजस्थान का सियासी घमासान जारी है। इस बीच पूरे मामले में एक नया मोड़ आ गया है। यहां स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने मंगलवार को हाईकोर्ट में विधायक भंवरलाल शर्मा की ओर से दायर चाचिका में कहा है कि विधायकों की खरीद फरोख्त केस में राजद्रोह का मामला नहीं बनता है। इसमें राजद्रोह का कोई केस नहीं है। इसके बाद कानून के जानकारों से चर्चा के बाद पिछले दिनों एसओजी में दर्ज हुए तीन मुकदमों से धारा 124ए हटा ली गई है।
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एसओजी की ओर से वकील ने कहा कि ये मामला पीसी एक्ट (प्रिविएंशन ऑफ करप्शन एक्ट) के तहत आता है। लिहाजा, इन मुकदमों में अनुसंधान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ही कर सकती है। ऐसे में पिछले दिनों एसओजी में दर्ज हुए इन तीनों एफआईआर को एसीबी में भेजा जाएगा। एसओजी की ओर से अनुसंधान अधिकारी एडिशनल एसपी धर्मेंद्र यादव सहित अन्य पुलिस अधिकारी हाइकोर्ट में उपस्थित हुए थे।
गौरतलब है कि सचिन पायलट और उनके गुट के विधायकों को एसओजी ने राजद्रोह की धारा के तहत ही नोटिस दिया था। इसी बात पर सचिन पायलट ने कड़ी नाराजगी जताई थी। लेकिन अब एसओजी द्वारा राजद्रोह की धारा हटाने और मामला एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंपने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि पायलट की नाराजगी कम हो सकती है। इस बीच हाईकोर्ट ने राज्यपाल को पद से हटाने की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। वकील शांतनु पारीक ने यहअर्जी लगाई थी। उन्होंने विधानसभा का सत्र नहीं बुलाने की वजह से राज्यपाल को हटाने की मांग की थी। राज्यपाल 14 अगस्त से सत्र की मंजूरी दे चुके हैं। ऐसे में कोर्ट ने पारीक की अर्जी को तथ्यहीन बताकर खारिज कर दिया।
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