राजस्थान: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कांग्रेस में शामिल हुए बसपा के छह विधायक, केस ट्रांसफर करने की मांग
नई दिल्ली। राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीते और कांग्रेस में विलय कर चुके छह विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। विधायकों ने उनके कांग्रेस में जाने के खिलाफ दायर याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है। भाजपा विधायक मदन दिलावर ने राजस्थान हाईकोर्ट में इन छह विधायकों के बसपा से कांग्रेस में विलय के खिलाफ याचिका दायर करते हुए इस विलय को असंवैधानिक बताया है। जिस पर 11 अगस्त को सुनवाई होनी है। इस मामले को अब इन छह विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने की मांग की है।
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बहुजन समाज पार्टी विधायकों के कांग्रेस में विलय करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी विधायक मदन दिलावर की याचिका दायर कर इस विलय को अमान्य घोषित करने की मांग की है। बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने स्पीकर सीपी जोशी से मांग की थी कि इन 6 विधायकों की विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करें, लेकिन स्पीकर ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद मदन दिलावर हाईकोर्ट पहुंच गए।
बीएसपी के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ दायर याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 6 अगस्त को कहा कि अब इस मामले में एकल पीठ फैसला करेगा। एकल पीठ में 11 अगस्त की जो सुनवाई है, उसी में इसका निस्तारण किया जाएगा। राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा है कि 11 अगस्त को इसका निस्तारण किया जाए यानि एक 11 अगस्त को इस पर सिंगल बेंच फैसला देगी। बसपा से कांग्रेस में गए ये विधायक लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर, भरतपुर) हैं।
राजस्थान में सचिन पायलट के 18 और विधायकों के साथ कांग्रेस से बागी तेवर अपना लेने के बाद राज्य में सियासी घटनाक्रम लगातार बदल रहे हैं। अगर बसपा से कांग्रेस में गए इन विधायकों की योग्यता हाईकोर्ट रद्द कर देता है तो गहलोत सरकार को मुश्किल हो सकती है। राजस्थान विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से शुरू हो रहा है। सत्र शुरू होने के बाद राज्य की इस सियासी हलचल पर विराम लगने की उम्मीद की जा रही है।
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