लोकसभा चुनाव में हार पर सचिन पायलट ने तोड़ी चुप्पी, राहुल को लेकर कही यह बात
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद लगातार अपने ऊपर उठ रहे सवालों को लेकर सचिन पायलट ने अब अपनी चुप्पी तोड़ी है।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस के खेमे में छिड़ा घमासान अभी तक शांत नहीं हुआ है। सबसे ज्यादा सियासी हलचल राजस्थान में देखने को मिल रही है, जहां सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थक एक दूसरे पर लोकसभा चुनाव की हार का दोष मंढ़ने में लगे हुए हैं। सचिन पायलट के समर्थकों का कहना है कि अगर अशोक गहलोत की जगह, सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया गया होता तो लोकसभा चुनाव के परिणाम कुछ और होते। वहीं, हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि उनके बेटे की हार के लिए सचिन पायलट जिम्मेदार हैं। हालांकि बाद में गहलोत ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। राजस्थान के इसी सियासी घमासान के बीच अब डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने पार्टी की हार पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।
सचिन पायलट ने क्या कहा
बुधवार को जयपुर के पार्टी मुख्यालय पर बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सचिन पायलट ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी बूथ स्तर पर सर्वेक्षण करके लोकसभा चुनाव में मिली अपनी हार के कारणों का पता लगा रही है। राजस्थान में करीब 50 हजार बूथ हैं, हमने हर बूथ की रिपोर्ट और आकंड़े मंगाए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि लोकसभा चुनाव में कहां चूक हुई है। लोकसभा चुनाव में हम जितनी उम्मीद कर रहे थे, कांग्रेस को उससे बहुत कम सीटें मिली हैं। यह चिंता का विषय है। कांग्रेस अध्यक्ष ने जिम्मेदारी ली है, लेकिन इसपर ध्यान देने और इसे ठीक करने की जरूरत है। कांग्रेस अब राजस्थान की दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए रोडमैप तैयार कर रही है।'
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गहलोत बोले, गलत तरीके से पेश किया मेरा बयान
लोकसभा चुनाव के बाद राजस्थान में अब विधानसभा की दो सीटों- नागौर और मंडावा पर उपचुनाव होने हैं। ये सीटें हनुमान बेनीवाल और नरेंद्र कुमार के सांसद चुने जाने के बाद विधायक पद से उनके इस्तीफा देने के कारण खाली हुई हैं। आपको बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस को मिली हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की भूमिका को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर मंगलवार को अपने उस बयान पर सफाई दी, जिसमें उन्होंने अपने बेटे वैभव गहलोत की हार के लिए सचिन पायलट को जिम्मेदार ठहराया था। गहलोत ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से मीडिया में पेश किया गया है। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच किसी भी तरह के मतभेद से इंकार किया और ऐसी खबरों को भ्रामक बताया।
गहलोत ने पार्टी से ऊपर बेटे को रखा
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही इस बात को कह चुके हैं कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने अपने बेटे को पार्टी से ऊपर रखा। हालांकि, अशोक गहलोत ने एक इंटरव्यू के दौरान स्पष्ट रूप तौर पर कहा कि राजस्थान में नुकसान की जिम्मेदारी संगठन और सरकार दोनों की है। इसके बाद कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने अशोक गहलोत के ऊपर सवाल खड़े कर दिए। कांग्रेस विधायक पृथ्वीराज मीणा ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत का बयान पूरी तरह से गलत और पार्टी के हितों के खिलाफ है। उन्हें जोधपुर सीट पर मिली हार के लिए खुद जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वहीं, कांग्रेस नेता राजेंद्र चौधरी ने भी कहा कि जोधपुर सीट पर अशोक गहलोत का फैसला ही फाइनल होता था।
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राजस्थान में सभी सीटों पर लहराया भगवा
आपको बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने जबरदस्त वापसी करते हुए लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 25 सीटों पर जीत का परचम लहराया है। भाजपा ने ना केवल सभी सीटों पर जीत हासिल की है, बल्कि उसके उम्मीदवारों का औसत वोट शेयर भी पिछली बार के 54.08 फीसदी से बढ़कर 60.5 फीसदी तक पहुंच गया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को यहां सभी 25 सीटों पर जीत मिली थी। इससे पहले हाल ही में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को हराकर राजस्थान की सत्ता हासिल की थी। इस हार के बाद राजस्थान में भाजपा के लिए वापसी करना एक बड़ी चुनौती माना जा रहा था।