जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र के बीजेपी छोड़ने की अटकलों से राजस्थान की राजनीति में हलचल
जयपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कद्दावर बीजेपी नेता रहे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। मानवेंद्र सिंह काफी समय से राजस्थान बीजेपी में साइडलाइन हैं। सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया के साथ उनके रिश्ते ठीक नहीं है। मानवेंद्र सिंह के सीएम वसुंधरा से रिश्ते भले ही अच्छे न हों, लेकिन पार्टी के नेता उन्हें मनाने में जुटे हैं। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने मानवेंद्र सिंह समर्थक दो नेताओं का बीजेपी से निष्कासन रद्द किया है। इसके साथ ही पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मानवेंद्र सिंह से संपर्क भी बनाए हुए हैं।
22 सितंबर को होने वाली मानवेंद्र सिंह की स्वाभिमान रैली को लेकर इन दिनों राजस्थान की राजनीति में हलचल मची हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि इसी रैली में मानवेंद्र सिंह भविष्य की राजनीति को लेकर ऐलान कर सकते हैं। मानवेंद्र सिंह की रैली बाड़मेर के पचपदरा में आयोजित की जाएगी। हालांकि, बीजेपी की कोशिश है कि मानवेंद्र सिंह की रैली को कैसे भी करके टलवाया जाए। 2014 लोकसभा चुनाव में वसुंधरा राजे के कहने पर जसवंत सिंह का बाड़मेर सीट से टिकट कट गया था। इस बात से नाराज मानवेंद्र सिंह 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने के लिए भी नहीं उतरे थे।
मानवेंद्र
सिंह
ने
फिलहाल
कांग्रेस
में
शामिल
होने
की
खबरों
पर
चुप्पी
साध
रखी
है।
उनका
कहना
है
कि
उनके
समर्थक
जैसा
कहेंगे
वह
उसी
हिसाब
से
फैसला
लेंगे।
गौरव
यात्रा
के
दौरान
मुख्यमंत्री
वसुंधरा
राजे
सिंधिया
ने
शिव
विधानसभा
क्षेत्र
की
पूरी
तरह
से
अनदेखी
की
थी।
इस
बात
से
भी
मानवेंद्र
सिंह
काफी
नाराज
हैं।
मानवेंद्र
सिंह
इसी
विधानसभा
क्षेत्र
से
विधायक
हैं।
मानवेंद्र
सिंह
के
परिवार
का
पश्चिम
राजस्थान
की
राजनीति
पर
खासा
असर
माना
जाता
है।
ऐसा
माना
जा
रहा
है
कि
वसुंधरा
राजे
से
राजपूत
वोटर
खफा
हैं।
यूं तो परंपरागत तौर पर राजपूत बीजेपी को वोट देते आए हैं, लेकिन वसुंधरा से नाराजगी की कीमत पार्टी को चुकानी पड़ सकती है। दूसरी ओर कांग्रेस के नेता भी चाहते हैं कि मानवेंद्र सिंह को कैसे भी करके अपने पाले में लाया जाए। अगर कांग्रेस मानवेंद्र सिंह को अपने पाले में लाने में कामयाब रहती है तो बाड़मेर, जैसलमेर ही नहीं, मारवाड़ की करीब 40 विधानसभा सीटों पर पड़ समीकरण बदल सकते हैं।